एकादशी श्राद्ध शुभ मुहूर्त
एकादशी श्राद्ध सोमवार, अक्टूबर 9, 2023 को कुतुप मूहूर्त - 12:02 पी एम से 12:49 पी एम अवधि - 00 घण्टे 47 मिनट्स रौहिण मूहूर्त - 12:49 पी एम से 01:37 पी एम अवधि - 00 घण्टे 47 मिनट्स अपराह्न काल - 01:37 पी एम से 03:59 पी एम अवधि - 02 घण्टे 22 मिनट्स एकादशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 09, 2023 को 12:36 पी एम बजे एकादशी तिथि समाप्त - अक्टूबर 10, 2023 को 03:08 पी एम बजे यह भी पढ़ें: Dhanteras 2023: धनतेरस पर कुबेर से जुड़ी 1 चीज की कर लें स्थापना, बढ़ती जाएगी धन-दौलतएकादशी श्राद्ध पूजा-विधि
- श्राद्ध कर्म में पिंडदान, तर्पण को योग्य विद्वान ब्राह्मण के माध्यम से ही किया जाना चाहिए। श्राद्ध कर्म में ब्राह्मणों को पूरी भक्ति के साथ दान दिया जाता है। साथ ही गरीब, जरूरतमंदों को दान करना भी उत्तम माना गया है। इसके अलावा एकादशी श्राद्ध में भोजन का एक भाग पशु-पक्षियों जैसे- गाय, कुत्ते, कौए आदि के लिए अवश्य रखना चाहिए।
- श्राद्ध कर्म के कार्य को पवित्र नदियों एवं धर्म स्थानों में करना भी शुभ होता है इसके लिए गंगा नदी के तट पर करना काफी प्रभावी होता है। अगर यह संभव नहीं है तो इसे घर पर भी किया जा सकता है। श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों को भोज करना चाहिए। भोजन के बाद दान देकर उन्हें संतुष्ट करें। श्राद्ध पूजा दोपहर में शुरू करनी चाहिए।
- एकादशी श्राद्ध के दिन श्राद्ध और तर्पण के साथ पिंडदान करना चाहिए। हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है। अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इन्दिरा एकादशी श्राद्ध कहते हैं।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पितृ पक्ष में पड़ने के कारण इस एकादशी का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पिंडदान और तर्पण आदि करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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