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शनिवार को आएगी परम एकादशी, यह उपाय करते ही बन जाएगी हर बिगड़ी बात

Parama Ekadashi: सावन अधिकमास में आने वाली एकादशी का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। इस बार सावन अधिकमास कृष्ण पक्ष की एकादशी (जिसे परम एकादशी भी कहा जाता है) 12 अगस्त 2023, शनिवार को आ रही है। ज्योतिषी एम. एस. लालपुरिया के अनुसार सावन अधिकमास का शुभ संयोग 19 वर्षों बाद बन रहा है। […]

Parama Ekadashi: सावन अधिकमास में आने वाली एकादशी का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। इस बार सावन अधिकमास कृष्ण पक्ष की एकादशी (जिसे परम एकादशी भी कहा जाता है) 12 अगस्त 2023, शनिवार को आ रही है। ज्योतिषी एम. एस. लालपुरिया के अनुसार सावन अधिकमास का शुभ संयोग 19 वर्षों बाद बन रहा है। इस तरह से एक ही दिन में भगवान शिव, श्रीहरि और हनुमानजी की पूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है। सावन माह बाबा भोलेनाथ का प्रिय है, एकादशी भगवान विष्णु की प्रिय है तथा शनिवार को ज्योतिष में हनुमानजी का वार माना गया है। इस प्रकार सावन अधिकमास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पर तीनों ही देवताओं की आराधना के लिए उत्तम अवसर है। जानिए कब है एकादशी और कैसे करें पूजा यह भी पढ़ें: हर मर्ज का इलाज है हनुमानजी के ये उपाय, तुरंत दूर होंगी सब बाधाएं

एकादशी तिथि एवं मुहूर्त

पंचांग के अनुसार एकादशी 11 अगस्त 2023, शुक्रवार को आरंभ होगी तथा इसका समापन 12 अगस्त 2023 को होगा। हिंदू धर्म में उदय तिथि की मान्यता होने के कारण परम एकादशी का व्रत 12 अगस्त अर्थात् शनिवार को ही किया जाएगा। पूजा के लिए सुबह 7.34 बजे से 9.14 बजे तक के बीच शुभ का चौघड़िया सर्वोत्तम मुहूर्त माना गया है।

एकादशी पर करें ये उपाय (Parama Ekadashi Ke Upay)

सावन अधिकमास की परम एकादशी शनिवार को होने के कारण भगवान शिव, भगवान विष्णु और बजरंग बली तीनों की आराधना के लिए उत्तम अवसर है। इस दिन आप अपनी सभी समस्याओं के निपटारे के लिए कुछ छोटे-छोटे उपाय कर सकते हैं। यह भी पढ़ें: Ekadashi Vrat: एकादशी के टोटके बना देते हैं बिगड़ी किस्मत, हर मनोकामना होती है पूरी
  1. परम एकादशी पर भगवान विष्णु को पीले चंदन का तिलक लगाएं। पीले रंग के पुष्प, पीले रंग की मिठाई तथा इसी रंग के मौसमी फल अर्पित करें। इससे धन लाभ होगा।
  2. भगवान शिव का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें। इससे सभी अशुभ ग्रह शुभ बनते हैं और भाग्योदय होता है।
  3. शनिवार की एकादशी को रात्रि 9 बजे बाद हनुमानजी की पूजा करें एवं सुंदरकांड का पाठ करें। इसके बाद 51 बार हनुमानचालीसा का पाठ करें। इस प्रकार पाठ करने से समस्त प्रकार के अनिष्टों का नाश होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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