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Papmochini Ekadashi: 17 मार्च को है पापमोचिनी एकादशी, इस व्रत से मिलेगा अपार खजाना, नाश होंगे सारे पाप भी

Papmochini Ekadashi: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियां आती हैं। इनमें से 12 एकादशियां कृष्ण पक्ष में तथा 12 शुक्ल पक्ष में आती हैं। इस वर्ष की अंतिम और चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी इस बार 17-18 मार्च 2023 को आ रही है। ज्योतिषियों के अनुसार इस एकादशी को पापमोचिनी एकादशी […]

Papmochini Ekadashi: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियां आती हैं। इनमें से 12 एकादशियां कृष्ण पक्ष में तथा 12 शुक्ल पक्ष में आती हैं। इस वर्ष की अंतिम और चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी इस बार 17-18 मार्च 2023 को आ रही है। ज्योतिषियों के अनुसार इस एकादशी को पापमोचिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के चतुर्भुज रुप की पूजा की जाती है। उनकी पूजा और व्रत के प्रभाव से व्यक्ति समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। उसके परिवार में सभी प्रकार की सुख-समृद्धि आती है और मृत्यु के बाद भी वह स्वर्ग प्राप्त करता है। यह भी पढ़ें: आप भी करें हनुमानचालिसा का यह उपाय, बजरंग बली सुनेंगे आपकी हर अर्जी

कब है एकादशी पूजा मुहूर्त (Papmochini Ekadashi Puja Muhurat)

पंचांग के अनुसार पापमोचिनी एकादशी का आरंभ 17 मार्च 2023 को दोपहर 2.06 बजे होगा। इसका समापन अगले दिन 18 मार्च 2023 को सुबह 11.13 बजे होगा। उगते सूर्य की तिथि मानने के कारण एकादशी व्रत भी 18 मार्च को ही रखा जाएगा।

कैसे करें पापमोचिनी एकादशी व्रत (Papmochini Ekadashi Vrat)

सुबह जल्दी उठ कर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ धुले हुए पीले रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। घर के पूजास्थल में वेदी बनाकर जौ, चावल, गेहूं, बाजरा, उड़द, मूंग और चने रखें। उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा अथवा चित्र को विराजमान करें। उन्हें मौसम के अनुसार फल, पीले पुष्प, तुलसी पत्र तथा नैवेद्य अर्पित करें। उनकी आरती कर उन्हें भोग लगाएं। यह भी पढ़ेंः शुक्रवार को ऐसे करें शिव-पार्वती की पूजा, नौकरी में होगा प्रमोशन, बिजनेस में भी मुनाफा मिलेगा

क्या फल मिलता है इस व्रत से

इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के समस्त कष्ट और पापों का क्षय होता है। उसे अनन्त पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में भी नाना प्रकार के सुख आते हैं। उसे जीते जी इस पृथ्वी पर भगवान श्रीहरि के दर्शन होते हैं। मृत्यु के बाद भी वह बैकुंठ लोक में जाता है। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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