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हथेली में है मंदिर का निशान तो जीवनभर पाएंगे मान-सम्मान!

हस्तरेखा विज्ञान में हथेली पर बनने वाले शुभ निशानों के बारे में बताया गया है। माना जाता है कि हथेली पर शुभ निशानों को बनना भाग्य का साथ मिलने और सफल जीवन का सूचक होता है। ऐसे ही कुछ लोगों की हथेली पर मंदिर का निशान भी बनता है। आइए जानते हैं कि मंदिर के निशान का क्या अर्थ होता है।

हस्तरेखा विज्ञान
हस्तरेखा विज्ञान में शंख, चक्र, त्रिशूल, स्वास्तिक, ध्वज, कलश आदि निशानों को शुभ माना गया है। इसी प्रकार किसी-किसी की हथेली पर मंदिर का निशान भी बनता है। हालांकि यह निशान बहुत ही कम लोगों की हथेली में पाया जाता है। जिन भी लोगों की हथेली में यह निशान होता है, उन्हें बेहद भाग्यशाली माना जाता है। जिन भी लोगों के हाथ में वर्ग के निशान के ऊपर त्रिकोण का निशान बनता है, तो इसे मंदिर का निशान कहा जाता है। माना जाता है कि ऐसे व्यक्ति की हथेली में मंदिर की संरचना बन रही है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, जिनके भी हाथ में ऐसा निशान होता है, वे धर्म-कर्म के मामलों में सबसे आगे रहते हैं। इसके साथ ही ये धर्म के रास्तों पर चलकर धन कमाते हैं। इनकी वाणी मधुर होती और ये लोग इनसे जल्दी आकर्षित भी हो जाते हैं। इन समाज में मान-प्रतिष्ठा अच्छी होती है।

व्यक्ति को मिलता है मान-सम्मान

जिस भी व्यक्ति की हथेली में मंदिर का निशान होता है। उनकी समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है और लोग इनसे सलाह और मार्गदर्शन लेने के लिए भी आते हैं। इन लोगों को आध्यात्मिक गुरुओं का मार्गदर्शन मिलता है। इनके जीवन का उद्देश्य काफी बड़ा होता है और इनको मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है। इनको खूब धन लाभ होता है। इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। ऐसे लोगों के पास आध्यात्मिक शक्ति होती है।

अगर टूटा-फूटा हो निशान

अगर हथेली में बनने वाला मंदिर का निशान टूटा-फूटा हो या फिर आसमान्य और उल्टा बना हो तो ऐसे व्यक्ति को धार्मिक कार्यों में बाधा का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे लोगों के जीवन में मानसिक अशांति रहती है और संतान से कष्ट भी मिलता है।

यहां पर होना होता है शुभ

  • अगर मंदिर का निशान कलाई मतलब मणिबंध पर हो तो ऐसे व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
  • चंद्र पर्वत पर इसका बनना आध्यात्मिक उन्नति देता है।
  • गुरु पर्वत पर अगर मंदिर का निशान बनता है तो व्यक्ति को समाज में बड़ा पद और मान-सम्मान मिलता है। ऐसे लोग कोई मठाधीश्वर भी हो सकते हैं।
  • शनि पर्वत पर यह निशान होता है तो लोग गुप्त विद्या के जानकार होते हैं।
  • सूर्य पर्वत पर यह निशान होना दुनियाभर में नेम और फेम देता है।
  • केतु पर्वत पर मंदिर का निशान आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। ये भी पढ़ें- 10 अप्रैल से बदलेगी इन 5 राशि वालों किस्मत, बृहस्पति मृगशिरा नक्षत्र में करेंगे गोचर!


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