Nag Panchami 2022: इन दिनों सावन का महीना चल रहा है और आज श्रावण मास की शुक्ल पंचमी है। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा की जाती है और दूध से उनका अभिषेक किया जाता है। नाग को भगवान शिव शंकर ने अपने गले में धारण किया है, इसलिए इस दिन नाग देवता के साथ-साथ शिव जी की पूजा करने की मान्यता है।
दरअसल पौराणिक काल से ही नागों को देवताओं की तरह पूजा जाता है। मान्यता है नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही नाग पंचमी के अवसर पर की जाने वाली पूजा से राहु-केतु के बुरे प्रभाव एवं कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
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मान्यता के मुताबिक इस दिन जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा करता है और सर्प देवता की पूजा के साथ रुद्राभिषेक करता है, उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
नाग पंचमी तिथि सुबह 5:14 से प्रारंभ होकर अगली सुबह यानी 3 अगस्त को 5:41 पर समाप्त हो जाएगी। हालांकि पूजा के लिए भक्तों को तकरीबन 3 घंटे का ही समय मिलेगा। नाग पंचमी पर सुबह 5:45 से 8:25 तक पूजा के लिए मुहूर्त बन रहा है।
नाग पंचमी तिथि आरंभ - 2 अगस्त 2022 सुबह 05 बजकर 13 मिनट से
नाग पंचमी तिथि समाप्त - 3 अगस्त 2022 सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक
नाग पंचमी पूजा मूहूर्त - सुबह 06 बजकर 05 - 08 बजकर 41 मिनट तक
नाग पंचमी पर बन रहा है विशेष संयोग
इस साल नाग पंचमी पर विशेष संयोग बन रहा है। आज 30 साल बाद नाग पंचमी शिव योग भी बन रहा है। मान्यता के मुताबिक इस शुभ योग में नागों की पूजा का फल कई गुना ज्यादा मिलता है। इस दौरान भगवान शिव और उनके नागों की पूजा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति हो सकती है। नाग पंचमी पर पूजा से कालसृप दोष का निवारण भी किया जा सकता है। इसके साथ आज नाग पंचमी के साथ सावन महीने का तीसरा मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाएगा।
नाग पचंमी पूजा विधि (Nag Panchami Puja Vidhi)
- नाग पंचमी के ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।
- नाग पंचमी के दिन तांबे के लोटे से नाग देवता की मूर्ति को दूध और जल चढ़ाना चाहिए।
- अगर आप चाहे तो चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा मंदिर में रखकर उसका पूजन कर सकते हैं।
- गाय के दूध से स्नान कराएं।
- इसके बाद मूर्ति में गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें।
- हल्दी, चावल, रोली और फूल अर्पित करें।
- मिठाई का भोग लगाएं।
- दीपक और धूप जलाकर नाग देवता की आरती कर लें।
- अंत में नाग पंचमी की कथा का पाठ कर लें।
नाग पंचमी के दिन करें ये काम (Nag Panchami Ke Upay)
नागपंचमी के दिन व्रत रखने से कालसर्पदोष दूर होता है। तो संभव हो तो इस दिन व्रत रखें।
इस दिन नाग देवता की पूजा करें और उन्हें दूध, मिठाई और फूल चढ़ाएं।
नागपंचमी के दिन पूजा के समय नाग पंचमी मंत्र का जाप करना चाहिए।
जिनकी कुंडली में राहु-केतु भारी है। वे लोग इस दिन नाग देवता की पूजा करते हैं। ऐसा करने से कुंडली में आने वाली परेशानियां दूर हो सकती हैं।
इस दिन इस बात का ध्यान रखें कि पीतल के बर्तन से शिवलिंग या नाग देव को दूध अर्पित करना चाहिए। जल चढ़ाने के लिए तांबे के बर्तन का प्रयोग करें।
नाग पंचमी के दिन न करें ये काम (Nag Panchami Ke Totke)
नागपंचमी के दिन खेती का कार्य गलती से भी न करें। सावन मास में अक्सर खेतों में नाग निकलते हैं और कार्य के दौरान नाग चोटिल हो सकते हैं और आप पर नाग हत्या का दोष लग सकता है।
नाग पंचमी के दिन नुकीली और नुकीली चीजों के इस्तेमाल से बचें।
इस दिन न तो लोहे की कड़ाही का उपयोग करें और न ही खाना पकाने के लिए किसी भी लोहे के बर्तन में खाना पकाएं।