Navratri 2022: आज नवरात्र का सातवां दिन है। सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है। ये काल का नाश करने वाली हैं, इसलिए कालरात्रि कहलाती हैं। संसार में कालों का नाश करने वाली देवी ‘कालरात्री’ ही है। कहते हैं इनकी पूजा करने से सभी दु:ख, तकलीफ दूर हो जाती है। दुश्मनों का नाश करती है और मनोवांछित फल देती हैं।
बिहार के दरभंगा जिले के लहरेरिया सराय के गोविंदपुर में मां की खोईंचा गांव की महिलायें भरती है। भारत का यह संभवतः एक मात्र स्थान है जहां पर सप्तमी के दिन हिन्दूओं से पहले गांव की मुस्लिम महिलायें मां दुर्गा की पूजा करती हैं। वे ही सबसे पहले पूजा के बाद मां का खोईंचा भरती है। इसके बाद ही गांव की अन्य महिलायें मां की पूजा करती हैं। शहर से भी लोग यहां पर पूजा करने आते हैं।
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ऐसी मान्यता है कि मां ने स्वयं आज से 30 वर्ष पहले यहां के लोगों को पूजा करने का सपना दिया था। इसके बाद से लोग यहां पर पूजा करना शुरु कर दिए। यहां पर आकर जिस किसी ने भी पूजा किया उसकी मन्नत पूरी होने पर यहां की चर्चा बड़ी तेजी से चारों ओर फैल गयी। अब यहां पर दूर दराज से भी लोग पूजा करने आते हैं। भक्तों की आस्था है कि यहां मन्नत मांगने पर माता जरूर पूरा करती हैं। यहां धर्म का बंधन भी खत्म हो जाता है।
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