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Matsya Dwadashi 2023: इस साल कब रखा जाएगा मत्स्य द्वादशी का व्रत, जानें पूजा विधि और लाभ

Matsya Dwadashi 2023: विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु का पहला अवतार मत्स्य अवतार है। मान्यता है जिस दिन भगवान विष्णु मत्स्य अवतार में अवतार लिए थे उस दिन मत्स्य द्वादशी मनाया जाता है। तो आइए इस साल जानते हैं कि मत्स्य द्वादशी कब है साथ ही इसका पूजा विधि और लाभ क्या है।

Matsya Dwadashi 2023
Matsya Dwadashi 2023: हिंदू धर्म में सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा बेहद ही शुभ और कल्याणकारी मानी गई है। कहते हैं कि भगवान विष्णु अपने भक्तों की रक्षा हर समय करते हैं। इसलिए इन्हें पालनहार के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने सृष्टि पर सबसे पहले मत्स्य अवतार लिए थे। यह अवतार मनुष्य यानी मनु की रक्षा के लिए था। विष्णु पुराण के अनुसार, मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का पहला अवतार है। कहा जाता है कि जिस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था उस दिन को मत्स्य द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल मत्स्य द्वादशी 23 दिसंबर 2023 को है। आज इस खबर में जानेंगे मत्स्य द्वादशी की पूजा विधि और लाभ के बारे में। यह भी पढ़ें- कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत करने के लिए धारण करें ये खास रत्न

मत्स्य द्वादशी का पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मत्स्य द्वादशी के दिन भक्त को सुबह-सुबह उठकर स्नान करें। साथ ही घर के मंदिर को साफ-सुथरा करें। उसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को लकड़ी की चौकी पर स्थापित करें। मान्यता है कि मत्स्य द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा 16 प्रकार से की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में सबसे पहले उन्हें हल्दी और गोपी चंदन का तिलक लगाएं। यह भी पढ़ें- 18 दिसंबर से चमक जाएगी 3 राशियों की किस्मत उसके बाद भगवान को फूलों की माला अर्पित करें। साथ ही भगवान विष्णु को भोग के लिए घर पर बनी मिठाई का भोग अर्पित करें। उसके बाद मंत्रों का जाप करें। साथ ही भगवान विष्णु की विधि-विधान से आरती करें और गरीबों को भोजन कराएं। कहा जाता है कि जो जातक इस तरह मत्स्य द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मत्स्य द्वादशी व्रत के लाभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जो महिलाएं मत्स्य द्वादशी के दिन व्रत रखती हैं, उनके बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है, साथ ही जो पुरुष इस दिन व्रत रखते हैं, उन्हें सुख-समृद्धि के साथ जीवन में सफलता प्राप्त होती है। विष्णु पुराण के अनुसार, जो जातक मत्स्य द्वादशी के दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी पापों से छुटकारा भी मिल जाता है। यह भी पढ़ें- हनुमान जी को इन 5 चमत्कारी उपाय से करें प्रसन्न, बदल जाएगी किस्मत डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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