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कब और कैसे बनता है कुंडली में मांगलिक दोष? खास उपायों से वैवाहिक जीवन रहेगा मंगलमय

Manglik Dosha: मांगलिक दोष से प्रभावित जातकों का वैवाहिक जीवन कष्टों से भरा रहता है। कुंडली के मंगल दोष के कारण कई बात तो पति-पत्नी के बीच तलाक की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। आइए जानते हैं मांगलिक दोष के कारण और निवारण के बारे में।

Manglik Dosha Causes and Remedy: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मांगलिक दोष वैवाहिक जीवन पर बेहद नकारात्मक असर डालता है। मंगल दोष से पीड़ित जातकों का दांपत्य जीवन बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जानकार बताते हैं कि इस दोष के कारण कई बार पति-पत्नी के बीच तलाक जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। मांगलिक दोष से प्रभावित जातक अपने दांपत्य जीवन को लेकर हमेशा दुखी रहते हैं। ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक, मांगलिक दोष कुंडली में मंगल की स्थिति गड़बड़ होने पर उत्पन्न होता है। ऐसे में आइए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि आखिर मांगलिक दोष क्या होता है ? इसके कारण क्या हैं और इसके निवारण के लिए क्या उपाय करना उचित है।

कैसे पता करें कि मांगलिक दोष है या नहीं

ज्योतिर्विद पं. धनंजय पाण्डेय के अनुसार, कुंडली में मांगलिक दोष का पता लगाने के लिए कई तरीके हैं। मंगल जब जन्मकुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश (12वें) भाव में स्थित होता है तो ऐसे में जातक मांगलिक दोष से पीड़ित हो जाता है। इसके अलावा मांगलिक दोष को पता लगाने का तरीका यह भी है कि अगर कुंडली में मंगल ग्रह चंद्रमा या अन्य ग्रहों से संबंध हो। जबकि कुछ विशेष स्थिति में भी मांगलिक दोष का निर्माण होता है।

मांगलिक दोष किस प्रकार करता है दांपत्य जीवन को प्रभावित?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मांगलिक दोष से प्रभावित जातक को हमेशा ऐसे जातक से विवाह करना चाहिए जिसकी कुंडली में भी यह दोष हो। ऐसा नहीं होने पर जातक को वैवाहिक जीवन में तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मांगलिक दोष के कारण कई बार तलाक की भी स्थिति उत्पन्न होती है। यह भी पढ़ें: ज्योतिष के 5 उपायों से जल्द दूर होगी धन की कमी, मां लक्ष्मी की प्रसन्नता से हमेशा रहेंगे खुशहाल

मांगलिक दोष का निवारण कैसे करें?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मांगलिक दोष मुख्य रूप से मंगल ग्रह से जुड़ा है। ऐसे में इस दोष से उबरने के लिए सबसे पहले मंगल ग्रह की शांति और मंगल देव की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा मांगलिक दोष के निवारण के लिए मंगल ग्रह से संबंधित रत्न मूंगा को धारण करने की भी सलाह दी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि मूंगा मंगल के दोष को नियंत्रित रखने में सहायक होता है। साथ ही मंगल ग्रह के दुष्प्रभावों से छुटकारा दिलाता है। हालांकि मूंगा को धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि ग्रह-रत्न अगर अनुकूल साबित न हो तो इसका उल्टा असर भी होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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