इष्ट देव का मंत्र
शास्त्रों में मंदिर की परिक्रमा की विधि बताई गई है। मंदिर की परिक्रमा के दौरान भक्त मंत्र भी बोलते हैं। हालांकि मंदिर की परिक्रमा करते वक्त किस मंत्र को बोलना चाहिए, इसके लिए शास्त्रों में किसी एक विशेष मंत्र का जिक्र नहीं मिलता है। धर्म शास्त्र के जानकार पं. मणिभूषण झा कहते हैं कि मंदिर की परिक्रमा करते समय उन देवी या देवताओं से जुड़े मंत्र का जाप करना चाहिए, जिनकी प्रतिमा वहां विराजमान है। इसके अलावा जो भक्त जिन देवी-देवता को अपना इष्ट मानते हैं, उनसे जुड़े मंत्र का जाप करना चाहिए। यानी भक्त मंदिर की परिक्रमा करते वक्त अपने इष्ट-मंत्र का जाप कर सकते हैं। भक्त जितना अधिक मंत्र जाप करेंगे, उन्हें उतना ही अधिक लाभ प्राप्त होगा।कुलदेवी-देवता का मंत्र
धर्म शास्त्र के जानकार पं. मणिभूषण झा आगे बताते हैं कि मंदिर की परिक्रमा करते वक्त कुलदेवी या देवता से जुड़े मंत्र का जाप करना सबसे अच्छा है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुल देवी-देवता की स्तुति या मंत्र-जाप मनोकामना पूरी करने में सहायक होता है।मंदिर-परिक्रमा का सही तरीका
अक्सर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति में रहते हैं कि आखिर मंदिर की परिक्रमा का सही तरीका क्या है? इस बारे में पंडित जी बताते हैं कि मंदिर की परिक्रमा हमेशा अपने बाईं ओर से शुरू करनी चाहिए। जानी जिस तरह घड़ी की सुई घूमती है। यह भी पढें: 2024 में तीन राशियों के जातक रहेंगे खुशहाल, चेक करें अपनी राशि
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।