TrendingNEET Controversyind vs zimSuccess StoryAaj Ka RashifalAaj Ka MausamBigg Boss OTT 3sarkari naukari

---विज्ञापन---

चिता की राख से नहीं बल्कि 5 तत्वों से बनी भस्म से होती है महाकाल की आरती

Mahakal Temple Bhasm Aarti: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज भी महाकाल मंदिर में भगवान शिव को भस्म की आरती की जाती है। लेकिन बता दें कि अब भस्म आरती चिता की राख से नहीं बल्कि कुछ विशेष प्रकार के भस्म से होती है।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Feb 16, 2024 13:23
Share :

Mahakal Temple Bhasm Aarti: भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। उन्हें त्रिकालदर्शी के नाम से भी जाना जाता है। पूरे देश में भगवान शिव की 12 ज्योतिर्लिंग उपस्थित हैं। जिनकी अपनी अलग-अलग मान्यता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से सभी प्रकार के दुख और पीड़ा का नाश होता है। बता दें कि इन 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकाल का मंदिर जो उज्जैन में स्थित है, वहां हर रोज महादेव की आरती भस्म से की जाती है।

लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान शिव को भस्म की आरती के पीछे की मान्यता क्या है, आखिर क्यों उन्हें भस्म से ही श्रृंगार कराया जाता है। अगर नहीं जानते हैं तो आज इस खबर में जानेंगे कि भगवान शिव को भस्म की आरती क्यों की जाती है, साथ ही भस्म बनाने की प्रक्रिया क्या है?

यह भी पढ़ें- एक साल बाद कुंभ राशि में बनने जा रहा है त्रिग्रही योग, 3 राशियों के जीवन में होंगे बदलाव

क्यों की जाती है भस्म से आरती

पौराणिक कथाओं के अनुसार, दूषण नाम का राक्षस उज्जैन में तबाही मचा रखी थी। उसकी तबाही से वहां के ब्राह्मण परेशान थे। सभी ब्राह्मण अपनी समस्या लेकर भगवान शिव के पास गए और उस राक्षस के प्रकोप से बचाने के लिए प्रार्थना की। मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने सभी ब्राह्मणों की प्रार्थना स्वीकार किया और राक्षस राज दूषण को ऐसा न करने लिए कहा। भगवान शिव के मना करने के बावजूद भी दूषण नहीं माना।

दूषण के लगातार बढ़ते प्रकोप से भगवान शिव के भक्त त्राहि-त्राहि हो उठे थे, तब भगवान शिव क्रोधित होकर दूषण राक्षस को भस्म कर दिए। भस्म करने के बाद वे उस भस्म को अपने पूरे शरीर में लगाकर श्रृंगार किए। तब से लेकर अब तक भगवान शिव का श्रृंगार भस्म से की जाती है। अब इसे भस्म आरती के नाम से भी जाना जाता है।

यह भी पढ़ें- मार्च में दैत्य गुरु शुक्र करेंगे शनि की राशि में प्रवेश, 3 राशियों की खुल जाएगी किस्मत

क्या है भस्म बनाने की प्रक्रिया

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज से कई साल पहले महादेव की आरती जिस भस्म से की जाती थी वह श्मशान घाट से लाई जाती थी, लेकिन अब महाकाल की भस्म आरती करने का तरीका बदल गया है। बता दें कि अब चिता की राख से नहीं बल्कि कई ऐसे तत्व हैं जिससे भस्म तैयार की जाती है।

भस्म आरती बनाने के लिए सबसे पहले पीपल, कपिला गाय के गोबर से बने गोइठा (कंडे) शमी, पलाश की लकड़ी, अमलतास और बेर की लकड़ियों को जलाकर बनाया जाता है। भस्म की आरती होने के बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग भस्म को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं, उनको भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही सभी प्रकार के रोग-दुख से मुक्ति मिलती है।

यह भी पढ़ें- मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए आज जरूर करें ये 5 चमत्कारी उपाय, घर में आएगी बरकत

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Feb 16, 2024 11:33 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें
Exit mobile version