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Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज ने बताया हस्तमैथुन कैसे बनता है विनाश का कारण, जानिए

Premanand Ji Maharaj: वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि हस्तमैथुन किस प्रकार व्यक्ति के संपूर्ण जीवन को बर्बाद कर देता है। आइए प्रेमानंद जी महाराज से जानिए इससे बनने के उपाय।

Premanand Ji Maharaj on Masturbation: वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज मे हस्तमैथुन को भयानक रोग कहा है। संत प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि हस्तमैथुन कैंसर और टीबी से भी भयानक रोग है। हालांकि कैंसर और टीबी के लिए तो औषधि है मगर हस्तमैथुन जैसी बीमारी की कोई औषधि नहीं है। प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि छोटे-छेटे बच्चे जब विद्यालय में जाते हैं और उनको गलत विद्यार्थियों का संग मिलता है तो 99 फीसदी बच्चे इस रोग से ग्रसित हो जाते हैं। आज छोटे-छोटे बच्चे अपने ब्रह्मचर्य का नाश सिर्फ मनोरंजन के लिए कर देते हैं। आइए प्रेमानंद जी महाराज से जानते हैं कि हस्तमैथुन किस प्रकार व्यक्ति को बर्बाद कर देता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं?

ऐसा करने वाले होते हैं महापापी

हस्तमैथुन के बारे में प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि इसकी ट्रेनिंग बच्चों को स्कूल में ही मिल जाती है। आपस में चार बच्चे बैठकर इस गंदे आचरण से युक्त हो जाते हैं जिसके कि उबर पाना बड़ा कठिन है। प्रेमानंद जी महाराज के मुताबिक, जो कोई हस्तक्रिया के द्वारा अपनी वीर्यशक्ति का नाश कर देते हैं वे महापापी हैं। यह क्रिया हर मनुष्य को जर्जर, क्रियाहीन और नष्ट कर देती है। ऐसे में प्रेमानंद जी लोगों को सलाह देते हैं, वे कसम खाएं कि जीवन में कभी भी इस क्रिया को नहीं करेंगे। श्रीजी को साक्षी मानकर इसका निर्वाह करना चाहिए। साथ ही यह भी विश्वास कर लेना चाहिए, वरना सभी उन्नतियों के नाश हो जाएगा। जो ऐसा करते हैं उनकी समस्त इंद्रियां नष्ट होती जाती हैं। एक एक नस से शक्ति का नाश होता चला जाता है

हस्तमैथुन से कैसे बचें

हालांकि प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि गृहस्थ जीवन भगवत पूजा की भावना से संतान उत्पत्ति के लिए ऐसा करना अलग चीज है। मगर अपनी किसी चेष्टा के द्वारा स्त्री या पुरुष किसी को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। हलांकि हस्तमैथुन जैसे भयानक रोग से बचने के लिए केवल एक ही रास्ता है, कि अपनी इंद्रियों पर संमय रखा जाए और भगवत नाम का जाप किया जाए। इसके अलावा शक्तिदायक पदार्थों का सेवन, व्यायाम, योगासन इत्यादि करना चाहिए। साथ ही साथ इस क्रिया को कभी न करने का दृढ़ संकल्प लेना चाहिए। तब जातक धीरे-धीरे शक्ति संचय होगी। यह भी पढ़ें: 3 तरह के लोग कभी नहीं रह पाते जीवन में सुखी, आखिर प्रेमानंद महाराज ने क्यों कहा ऐसा?
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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