TrendingInd Vs AusIPL 2025year ender 2024Maha Kumbh 2025Delhi Assembly Elections 2025bigg boss 18

---विज्ञापन---

झारखंड के आंजन धाम में हुआ था हनुमानजी का जन्म, प्रत्येक रामनवमी का यहां लगता है मेला, आते हैं लाखों श्रद्धालु

Hanumanji: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या है। परन्तु उनके अनन्य सेवक हनुमानजी की जन्मस्थली को लेकर अलग-अलग मान्यताएं और दावे किए जाते हैं। इनमें से एक मान्यता है कि उनका जन्मस्थल झारखंड के गुमला में स्थित आंजन है। आंजन धाम के नाम से प्रसिद्ध इस पहाड़ी और वहां स्थित गुफा में […]

Hanumanji: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या है। परन्तु उनके अनन्य सेवक हनुमानजी की जन्मस्थली को लेकर अलग-अलग मान्यताएं और दावे किए जाते हैं। इनमें से एक मान्यता है कि उनका जन्मस्थल झारखंड के गुमला में स्थित आंजन है। आंजन धाम के नाम से प्रसिद्ध इस पहाड़ी और वहां स्थित गुफा में माता अंजनी की गोद में विराजमान बाल हनुमान की पूजा-अर्चना के लिए रामनवमी पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। आम दिनों में भी यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस स्थल से जुड़ी मान्यताओं के जानकार आचार्य संतोष पाठक के मुताबिक, हनुमान भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार माने जाते हैं और उनका जन्म आंजन धाम में हुआ था। सनातन धर्मावलंबियों के व्यापक जनसमूह का विश्वास है कि झारखंड के गुमला जिला मुख्यालय से लगभग 21 किमी की दूरी पर स्थित आंजन पर्वत ही वह स्थान है, जहां माता अंजनी ने उन्हें जन्म दिया था। माता अंजनी के नाम से इस जगह का नाम आंजन धाम पड़ा। इसे आंजनेय के नाम से भी जाना जाता है। यह भी पढ़ें: भगवान विष्णु की एकादशी पर ऐसे करें पूजा, मां लक्ष्मी घर देगी घर के सब भंडार

अपनी तरह का एकमात्र मंदिर है आंजन धाम

यह पूरे भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान हनुमान बाल रूप में मां अंजनी की गोद में बैठे हुए हैं। आंजन धाम के मुख्य पुजारी केदारनाथ पांडेय बताते हैं कि माता अंजनी भगवान शिव की परम भक्त थीं। वह हर दिन भगवान की विशेष पूजा अर्चना करती थीं। वह वर्ष के 365 दिन अलग-अलग शिवलिंग की पूजा करती थीं। इसके प्रमाण अब भी यहां मिलते हैं। वहां के तालाब में आज भी बहुत से शिवलिंग अपने मूल स्थान पर स्थित हैं। आंजन पहाड़ी पर स्थित चक्रधारी मंदिर में 8 शिवलिंग दो पंक्तियों में हैं। इसे अष्टशंभू कहा जाता है। शिवलिंग के ऊपर चक्र है। यह चक्र एक भारी पत्थर का बना हुआ है। केदारनाथ पांडेय के अनुसार रामायण के किष्किंधा कांड में भी आंजन पर्वत का उल्लेख किया गया है। आंजन पर्वत की गुफा में ही भगवान शिव की कृपा से कानों में पवन स्पर्श से माता अंजनी ने हनुमान जी को जन्म दिया। आंजन से लगभग 35 किलोमीटर दूरी पर पालकोट बसा हुआ है। पालकोट में पंपा सरोवर है। यह भी पढ़ें: रविवार को करें सूर्य के उपाय, रातोंरात बन जाएंगे करोड़पति रामायण में यह स्पष्ट उल्लेख है कि पंपा सरोवर के बगल का पहाड़ ऋषिमुख पर्वत है जहां पर कपिराज सुग्रीव के मंत्री के रूप में हनुमान रहते थे। इसी पर्वत पर सुग्रीव का श्रीराम से मिलन हुआ था। यह पर्वत भी लोगों की आस्था का केंद्र है। चैत्र माह में रामनवमी से यहां विशेष पूजा अर्चना शुरू हो जाती है जो महावीर जयंती तक चलती है। यहां पूरे झारखंड समेत देश भर से लोग आते हैं। झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा आदि राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.