Guruwar ke Upay : आज 27 जुलाई साल 2023, सावन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और दिन गुरुवार है। गुरुवार के दिन को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। गुरु से गुरुवार बना है और यह एक महत्वपूर्ण ग्रह है। साथ ही हिंदू सनातन धर्म बृहस्पति देव को देवताओं का गुरु भी कहा जाता है।
इसके साथ ही गुरुवार का दिन भगवान विष्णु जी (Bhagwan Vishnu) को समर्पित है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की खास रूप से पूजा-अर्चना की मान्यता है। शास्त्रों के मुताबिक सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से जातक को सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलती है।
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गुरुवार को करें ये उपाय…
- शास्त्रों में बृहस्पतिवार का दिन धन और समृद्धि की प्राप्ति अच्छा माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना जातक जीवन सुखों से भर जाता है। गुरुवार दिन माता लक्ष्मी-नारायण दोनों की एकसाथ पूजा करने लोगों के जीवन में खुशियां आती है और दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाता है। पति-पत्नी के बीच कभी दूरियां नहीं आती। साथ ही घर में सुख-शांति और धन में बढ़ोतरी होती है।
- गुरुवार के दिन पीला वस्तु दान कर करने से शुभ फल मिलता है। इस दिन केसर, पीला चंदन या हल्दी का दान करने की सलाह दी गई है। इससे गुरु मजबूत होता है और जातक को आरोग्य की प्राप्ति के साथ-साथ उनके जीवन सुख और शांति में वृद्धि होती है।
- मान्यता के मुताबिक किसी कारण बस आप इन चीजों दान नहीं कर पाते हैं तो परेशान होने की कोई बात नहीं। माथे पर तिलक लगाने से भी लाभ मिलता है।
- गुरुवार के दिन विष्णु भगवान जी की आरती और चालीसा का पाठ और उनके मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है। ऐसा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और भक्तों पर विष्णु जी की कृपा भी बनी रहती है।
विष्णु जी के मंत्र
विष्णु रूपं पूजन मंत्र-शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
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विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
ॐ नमोः नारायणाय
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय।
विष्णु गायत्री महामंत्र
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।
विष्णु कृष्ण अवतार मंत्र
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
विष्णु जी के बीज मंत्र
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।
बृहस्पति शांतिपाठ के मंत्र
ॐ अस्य बृहस्पति नम: (शिरसि)
ॐ अनुष्टुप छन्दसे नम: (मुखे)
ॐ सुराचार्यो देवतायै नम: (हृदि)
ॐ बृं बीजाय नम: (गुहये)
ॐ शक्तये नम: (पादयो:)
ॐ विनियोगाय नम: (सर्वांगे)
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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