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Kaal Sarp Dosh: कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों के लिए वरदान है ये 1 रत्न, धारण करते ही दिखने लगता है असर

Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ग्रहों के परिवर्तन से कुंडली में कई शुभ-अशुभ योग बनते हैं। कुंडली के शुभ योग जहां व्यक्ति को फर्श से अर्श पर पहुंता देते हैं, वहीं अशुभ योग के प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक तीनों प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र […]

कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों के लिए वरदान है ये 1 रत्न, धारण करते ही दिखने लगता है असर
Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ग्रहों के परिवर्तन से कुंडली में कई शुभ-अशुभ योग बनते हैं। कुंडली के शुभ योग जहां व्यक्ति को फर्श से अर्श पर पहुंता देते हैं, वहीं अशुभ योग के प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक तीनों प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली का कालसर्प दोष सबसे खराब दोषों में से एक है। इसका असर इतना अधिक खतरनाक होत है कि व्यक्ति बरसों-बसर तक तंगहाली में जीने के लिए मजबूर रहता है। आइए जानते हैं कि कालसर्प दोष को दूर करने के कौन सा रत्न धारण करना चाहिए।

गोमेद रत्न | Gomed Gemstone

कालसर्प दोष को दूर करने के लिए ज्योतिष शास्त्र के जानकार गोमेद रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। दरअसल गोमेद राहु का रत्न है। इस रत्न के प्रभाव से कालसर्प दोष की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। ऐसे में गोमेद रत्न को धारण करने से कालसर्प दोष को दूर किया जा सकता है। ध्यान रहे कि गोमेद का रत्न शहद की तरह होता है। यह भी पढ़ें: 7 जन्मों की गरीबी को भी झटके में दूर कर देती हैं मां लक्ष्मी, बस कर लें ये 1 काम; हो जाएंगे अमीर

गोमेद रत्न इस तरह रखता है राहु को शांत

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को धीरे-धीरे नष्ट कर देते हैं। इसके साथ ही इस रत्न के प्रभाव से बुरी शक्तियों का असर नहीं होता है। इतना ही नहीं यह रत्न जब अपना असर दिखाना शुरू करता हो तो व्यक्ति का झुकाव आध्यात्मिक विचारों की ओर होने लगता है।

गोमेद कैसे करें धारण?

गोमेद रत्न किसी भी जातक को तभी सूट करता है जब इसे अभिषिक्त करके विधिवत धारण किया जाए। ऐसे में इस रत्न को धारण करने के लिए पहले इसे दूध, शहद या गंगाजल से शुद्ध किया जाता है। इसके साथ ही राहु के बीज या वैदिक मंत्रों से इसे अभिषिक्त किया जाता है। इस रत्न का चमत्कारिक लाभ प्राप्त करने के लिए विशेष दिन और शुभ योग में धारण करना चाहिए। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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