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Ganesh Chaturthi 2022: खंडित हो जाए विघ्नहर्ता की प्रतिमा तो न हो परेशान, तुरंत करें ये उपाय

Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चुतर्थी का पावन पर्व नजदीक है। ऐसे में देशभर में इन दिनों गणेश उत्सव की तैयारी जोरों पर है। इस साल 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी है। इस मौके पर देश ही दुनियाभर में भगवान गणेश के भक्त अपने आराध्य विघ्नहर्ता की प्रतिमा अपने-अपने घरों के साथ-साथ पंडालों में स्थापित करते। […]

Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चुतर्थी का पावन पर्व नजदीक है। ऐसे में देशभर में इन दिनों गणेश उत्सव की तैयारी जोरों पर है। इस साल 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी है। इस मौके पर देश ही दुनियाभर में भगवान गणेश के भक्त अपने आराध्य विघ्नहर्ता की प्रतिमा अपने-अपने घरों के साथ-साथ पंडालों में स्थापित करते। इस प्रतिमा का 9 दिनों तक पूजन किया जाता है। 10 दिन पूजन के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गाजे बाजे से श्री गणेश प्रतिमा को जल में विसर्जित किया जाता है। इस दौरान लोग कामना करते हैं कि उनका जीवन मंगलमय रहे और वो अगले साल फिर से उनकी प्रतिमा स्थापित पूरे विधि-विधान से पूजन कर सकें। कई लोग एक दिन, तीन दिन, पांच दिन या सात दिनों के लिये भी गणपति जी को घर पर लाते हैं। अभी पढ़ें गणेश चतुर्थी की रात चांद देखना शुभ होता है या अशुभ, यहां जानें क्या है मान्यता?

प्रतिम खंडित हो जाए तो क्या करें ?

जब किसी मूर्ति को घर में लाया जाता है तो माना जाता है कि उसमें देवत्व वास करता है और यही कारण है कि जब मूर्ति टूटती है या खंडित हो जाती है तो लोग घबरा जाते हैं और अनिष्ट ना होने की कामना करने लगते हैं। गणेश चतुर्थी पर भी खंडित मूर्ति के कुछ नियम हैं जिनको जानना हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। महागणपति की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा से पहले अगर खंडित हो जाए तो नई मूर्ति लाकर उसकी उपासना करें। गणेश चतुर्थी के दूसरे या तीसरे दिन मूर्ति खंडित हो जाए तो नई मूर्ति लाने की जरूरत नहीं है। मूर्ति खंडित हो चुकी है तो उसे अक्षत के साथ जल में प्रवाहित कर दें। अभी पढ़ें कब शुरू होंगे श्राद्ध पक्ष, जानिए महत्व और पितृपक्ष की तिथियां पूजाघर में स्थापित गणेश प्रतिमा भी अगर बेरंगी हो चुकी है तो उसको भी अक्षत के साथ प्रवाहित कर देना चाहिए। खंडित और बेरंग हो चुकी मूर्ति से सकारात्मक उर्जा का संचार नहीं होता है। ध्यान रहे, जल प्रवाह उन्हीं मूर्तियों को करें जो मिट्टी की बनी हों या ईको फ्रेंडली हों । आपको बता दें कि गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दर्शी तक यानी दस दिनों तक चलता है। इसके बाद चतुर्दशी के दिन को इनका विसर्जन किया जाता है। अभी पढ़ें – आज का राशिफल यहाँ पढ़ें Click Here - News 24 APP अभी download करें


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