Chhath Puja 2023: दूध या पानी सूर्य देव को किससे देना चाहिए पहला अर्घ्य, जानें क्या है मान्यता
Chhath Puja 2023
Chhath Puja 2023 Day 3: छठ महापर्व नहाय खाय से शुभारंभ हो चुका है। आज छठ पूजा का तीसरा दिन है। आज संध्या अर्घ्य देने का विधान है। यह पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ महापर्व करने से जीवन की सारी कठिनाइयां दूर हो जाती है साथ ही सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि छठ महापर्व हिंदू धर्म का सबसे कठिन पर्व माना गया है। इसलिए जो जातक महापर्व छठ का व्रत करते हैं, उनकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
इस व्रत में कोई गलती न हो इसको लेकर लोग पूरी सावधानी रखते हैं। संध्या अर्घ्य में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्य देव को संध्या अर्घ्य देने से मन में शांति बनी रहती है। साथ ही घर में खुशहाली आती है। संध्या अर्घ्य देते समय लोगों यह जरूर सोचते हैं कि दूध या पानी से अर्घ्य देना चाहिए। तो आज इस खबर में जानेंगे कि छठ पूजा का संध्या अर्घ्य किस प्रकार देना चाहिए आइए विस्तार से जानते हैं।
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छठ पूजा में अर्घ्य कैसे दें?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, छठ महापर्व में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है साथ ही इस व्रत को करने के लिए कई सारे नियम भी है। छठ पूजा में कोई गलती न हो इसको लेकर व्रती ज्योतिष शास्त्र से सलाह लेते हैं। छठ पूजा में संध्या अर्घ्य के बारे में ज्योतिष शास्त्र का कहना है कि संध्या अर्घ यानी पहला अर्घ्य देने से पहले पीतल के लोटे में पानी, उसके बाद महिलाएं एक पान के पत्ते पर सुपारी रखकर सूर्य देव को अर्पित करें। बाद में पीतल के लोटे से अर्घ्य दें।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, छठ पूजा के चौथे दिन सुबह के अर्घ्य देने के भी नियम है। उसके लिए आपको सबसे पहले पीतल के लोटे में दूध लेना होगा। इसके बाद छठ व्रती अपने हाथ में पान के पत्ते पर सुपारी लेना चाहिए। उसके बाद उस पर अर्घ्य देना चाहिए। मान्यता है कि जो लोग छठ पूजा का सुबह का अर्घ्य पानी मिलाकर देते हैं तो यह गलत होता है। क्योंकि सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए सबसे पहले दूध अर्पित किया जाता है।
जानें छठ पर्व का धार्मिक मान्यता
छठ महापर्व उत्तर भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है। यह पर्व इन राज्यों में बेहद ही खास माना जाता है। लोक आस्था से जुड़ा छठ महापर्व बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पर्व में मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से संतान सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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