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Budhwar Ke Upay: गणेश जी की बुधवार को ऐसे करें पूजा, धन-दौलत की कमी दूर कर देंगी मां लक्ष्मी

Budhwar Ke Upay: आज 28 जून 2023 और इस महीने का अंतिम बुधवार है। हिंदू सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। बुधवार का दिन बुद्धि के देवता बुध और भगवान गणेश को समर्पित है। मान्यता है कि बुधवार के दिन सिद्धि विनायक अपने भक्तों पर खास कृपा […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Jun 28, 2023 06:10
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Budhwar Ke Upay: आज 28 जून 2023 और इस महीने का अंतिम बुधवार है। हिंदू सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। बुधवार का दिन बुद्धि के देवता बुध और भगवान गणेश को समर्पित है। मान्यता है कि बुधवार के दिन सिद्धि विनायक अपने भक्तों पर खास कृपा करते हैं।

लिहाजा इस दिन गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए लोग पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। लोगों का विश्वास है कि यदि गणेश जी प्रसन्न हो जाएं तो मनुष्य की तमाम मुश्किलें पलभर में दूर हो जाती हैं। इसलिए इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।

मान्यता के मुताबिक है कि बुधवार के दिन सच्चे मन से जो गणपति आराधना करता है उसके सारे विघ्न, बाधाएं, तमाम तरह के संकट जल्द दूर हो जाते हैं। भगवान गणेश के रिद्धि-सिद्धि का दाता भी कहा जाता है।

गणेश जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने की मान्यता है। दरअसल गणेश जी माता लक्ष्मी के पुत्र माने जाते हैं। माता लक्ष्मी ने गणेश जी को वरदान दिया था कि जिस घर में गणेश जी के साथ उनकी पूजा होगी, वहां पर वह निवास करेंगी।

आपको बता दें कि प्रत्येक मंगल कार्य में गणेश जी को प्रथम स्थान दिया गया है और इनके पूजन के बाद ही कोई शुभ कार्य संपन्न होता है। साथ ही भगवान गणेश की कृपा से घर में सुख-समृद्धि और शुभता का वास होता है। इनकी पूजा से बुद्धि कुशाग्र होती है।

ऐसे करें गणेश जी की पूजा

– बुधवार के दिन प्रातः काल स्नान ध्यान निवृत्त हों।
– पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर के आसन पर बैठ जाएं
– इसके बाद सामने श्री गणेश यन्त्र की स्थापना करें।
– पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित करें।
– गणेशजी को सूखे सिंदूर का तिलक लगाएं और इनकी आरती करें।
– भगवान गणेश को स्मरण कर ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का 108 नाम मंत्र का जाप करें।

बुधवार को क्यों की जाती है गणेश जी की खास पूजा ?

पौराणिक कथाओं के मुताबिक गणेश जी की उत्पत्ति माता पार्वती के उबटन से हुई थी। जिस समय बाल गणेश का जन्म हुआ उस वक्त कैलाश पर्वत पर बुध देव भी मौजूद थे। बुध देव की उपस्थिति के कारण प्रथम पूजनीय गणेश जी की पूजा के लिए बुधदेव प्रतिनिधि वार हुए, तब से ही बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा की जाने लगी। बुधवार के दिन गणेश जी की विधिवत आराधाना करने से बुध दोष भी शांत होते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Jun 28, 2023 05:01 AM

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