एक साथ क्यों नहीं पहनते हैं नीलम और मोती?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि वायु तत्व और चंद्रमा जल तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन दोनों ग्रहों का स्वभाव एक-दूसरे के विपरीत होता है। इन दोनों ग्रहों के स्वभाव के कारण इनके रत्न, नीलम और मोती, एक-दूसरे के इनकॉम्पैटिबल यानी असंगत होते हैं। मोती शांत प्रभाव और नीलम के कठोर प्रभाव के लिए पहना जाता है यानी इनकी प्रकृति और प्रभाव एक-दूसरे के विपरीत होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मोती और नीलम असंगत रत्न हैं, इन्हें एक साथ पहनने से इसे धारण करने वालों के जीवन और काम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।नीलम और मोती साथ पहनने के दुष्परिणाम
ज्योतिष ग्रंथों में, मोती और नीलम को एक साथ पहनने से फाइनेंशियल, हेल्थ और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की चेतावनी दी गई हैं। ज्योतिष विशेषज्ञों के मुताबिक, विपरीत तत्वों को एक साथ रखना अशुभ होता जाता है, क्योंकि इससे ग्रहों के बीच टकराव हो सकता है। अनुभवी ज्योतिषियों के मुताबिक, इन दो रत्नों को एक साथ पहनने से अप्रत्याशित और नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, जैसे- धन की जबरदस्त हानि, कारोबार में घाटा, लाइलाज या रहस्मय बीमारी, वाहन दुर्घटना और अंग-भंग, अत्यधिक मानसिक तनाव, अवसाद आदि। ये भी पढ़ें: जानिए वास्तु शास्त्र की 8 दिशाओं के नाम, महत्व और आम आदमी पर इसका असर नीलम स्वाभाव में गंभीरता और कर्मफल की प्रधानता ग्रह है। यह रत्न भौतिकता को बढ़ावा देता है। वहीं मोती मन को शांत करता है और भावनाओं को नियंत्रित करता है। नीलम और मोती साथ पहनने से चिंता, डर और अवसाद जैसी नकारात्मक भावनाएं बढ़ जाती हैं। ये भी पढ़ें: क्या आपकी भी हथेली पर है तिल? यह शुभ है या अशुभ; क्या पड़ेगा असर, जानें यहां
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।