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सास जैसी महिलाओं से क्यों हो जाता है प्यार, कुंडली में कौन से ग्रह और योग होते हैं जिम्मेदार?

किसी-किसी व्यक्ति की कुंडली में कुछ ऐसे योग बनते हैं, जिसके कारण वे अपने से उम्र में काफी बड़ी महिलाओं को पसंद करने लगते हैं। आजकल समाज में सामने आ रहीं सास-दामाद के घर से फरार होने की घटनाओं के पीछे कुछ इसी प्रकार के ग्रहों के युति या योग जिम्मेदार हो सकते हैं।

अलीगढ़ के मडराक की रहने वाली 38 वर्षीय महिला का दिल अपनी बेटी के होने वाले पति पर मतलब अपने दामाद पर आ गया था और दोनों घर से फरार हो गए थे। इस प्रकार की घटनाएं समाज में गलत संदेश तो देती हैं, लेकिन इनके पीछे ग्रहों की स्थितियों का बहुत अधिक योगदान होता है। जी हां, कुंडली में बनने वाले कुछ योगों के चलते व्यक्ति को अपने से बड़े उम्र के इंसान से प्यार हो जाता है। इसके साथ ही वे समाज के बंधनों को भी नहीं देखते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं। बृहत पाराशर होरा शास्त्र और जातक पारिजात जैसे ग्रंथों में भी शनि और राहु के ऐसे प्रभावों का वर्णन है। आइए जानते हैं कि वे कौन से योग हैं, जिनके कारण लोग ऐसा कर सकते हैं।

शनि का प्रभाव

अगर शनि का प्रभाव व्यक्ति के 5वें, 7वें भाव या शुक्र ग्रह पर हो तो व्यक्ति ऐसी महिला की तरफ आकर्षित होता है, जो उससे उम्र में बड़ी होती है। शनि की दृष्टि या युति अगर चंद्रमा या शुक्र के साथ हो तो यह अट्रैक्शन इमोशनल और फिजिकल दोनों प्रकार का हो सकता है।

राहु का प्रभाव

राहु हमेशा ऐसी इच्छाओं को दर्शाता है, जो अधिकतर समाज में स्वीकार नहीं होती हैं या टैबू मानी जाती है। अगर राहु 7वें या 5वें भाव में हो, या फिर शुक्र के साथ युति करे तो व्यक्ति अप्राकृतिक या असामान्य संबंधों की ओर अट्रैक्ट होता है। राहु शुक्र या राहु शनि का योग संबंधों में उलझन और अनकंवेशनल अट्रैक्शन को दर्शाता है।

चंद्रमा पर शनि की दृष्टि

चंद्रमा पर शनि की दृष्टि या युति व्यक्ति के इमोशनल डिसीजन्स को उम्र जोड़ती है। ऐसे व्यक्ति अक्सर ज्यादा मैच्योर और समझदार महिलाओं को बेहतर पार्टनर समझते हैं। अगर चंद्रमा 5वें भाव में हो और शनि से पीड़ित हो तो यह इमोशनली किसी बड़ी उम्र की महिला की ओर आकर्षण देता है।

पंचम और सप्तम भाव

अगर 5वें भाव मतलब प्रेम के भाव और 7वें मतलब मैरिज के भाव में शनि, राहु या शुक्र की युति अथवा दृष्टि हो तो व्यक्ति विवाहित स्त्री की ओर अट्रैक्ट होता है।

ये फैक्टर भी हैं जिम्मेदार

अगर मंगल और शुक्र 12वें भाव में हो तो व्यक्ति पर कलंक लग सकता है। सातवें भाव का राहु भी इस प्रकार के फल देता है। हालांकि ये सभी घटनाएं दशा और गोचर पर निर्भर करती हैं। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। ये भी पढ़ें- राशि के अनुसार जानिए किस रंग की घड़ी से शुरू होगा आपका गोल्डन टाइम!


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