अन्नपूर्णा जयंती पर क्या करना रहेगा शुभ
अन्नपूर्णा जयंती मां अन्नपूर्णा को समर्पित है, जिनकी कृपा से भूख मिटती है। इस दिन किसी भी रूप में अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए। थाली में भोजन उतना ही लें, जितनी भूख हो। अन्नपूर्णा जयंती के दिन घर में खाना पकाने से पहले चूल्हे की पूजा करें। चूल्हे पर सिंदूर लगाकर अक्षत, फूल चढ़ाएं। चूल्हे से पका हुआ खाना उतारने से पहले अग्नि देव को भोग लगाएं। मां अन्नपूर्णा को धनिया, पंजीरी इत्यादि का भी भोग लगा सकते हैं। अन्नपूर्णा जयंती पर 'ओम् ह्रीं अन्नपूर्णाय नमः' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।अन्नपूर्णा जयंती पर क्या ना करें
अन्नपूर्णा जयंती के दिन मां अन्नपूर्णा को दूर्वा ना चढ़ाएं। अन्नपूर्णा माता की पूजा के दौरान काले रंग के कपड़े ना पहनें। पूजन के समय शुभ रंग जैसे-लाल, पीले या उजले रंग के वस्त्र पहनना शुभ रहेगा। अन्नपूर्णा माता की पूजा के दौरान अगर मंत्र का जाप करते हैं तो तुलसी की माला का इस्तेमाल ना करें।अन्नपूर्णा जयंती का महत्व
मान्यता के अनुसार, अन्नपूर्णा रूप में मां दुर्गा सभी प्रणियों का भरण और पोषण करती हैं। मां अन्नपूर्णा की कृपा से ही घर में अन्न के भंडार भरे रहते हैं। इसलिए अन्नपूर्णा जयंती के दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा-अर्चना की जाती है। अन्नपूर्णा जयंती यह संदेश देती है व्यक्ति को अन्न का कभी अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसे में अन्नपूर्णा जयंती पर हर किसी को यह संकल्प लेना चाहिए कि आगे कभी अन्न का अपमान नहीं करेंगे। यह भी पढ़ें: तुलसी पूजन दिवस आज, जानें क्या करें और क्या नहीं
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।