‘ब्रिटेन में खुलेगा दुनिया का पहला AI सेफ्टी इंस्टीट्यूट’, ग्लोबल टेक समिट से पहले बोले ऋषि सुनक
World first AI Safety Institute Britain Rishi Sunak Global Tech Summit: ब्रिटेन में दुनिया का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सुरक्षा संस्थान खुलने जा रहा है। ग्लोबल टेक शिखर सम्मेलन से पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ये घोषणा की। बता दें कि सुनक ने टेक्नोलॉजी के जोखिमों पर चर्चा के लिए ग्लोबल टेक समिट बुलाई है।
सुनक ने कहा कि ब्रिटेन में स्थापित होने वाला AI सुरक्षा संस्थान नए प्रकार के AI की जांच, मूल्यांकन और परीक्षण करेगा ताकि हम समझ सकें कि हर नया मॉडल क्या करने में सक्षम है? बता दें कि ब्रिटेन के बैलेचले पार्क में 1-2 नवंबर को एआई कंपनियों, राजनीतिक नेताओं और विशेषज्ञों की टीम जुटेगी। ये सभी मिलकर AI के संभावित खतरे पर चर्चा करेंगे। समिट बुलाने का उद्देश्य सुरक्षित विकास पर एक अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाना है।
सुनक चाहते हैं कि ब्रिटेन AI सुरक्षा में वैश्विक नेता बने। एजेंडे के अनुसार, लगभग 100 प्रतिभागी AI की अप्रत्याशित प्रगति और मनुष्यों की ओर से इस पर नियंत्रण खोने की संभावना समेत अन्य विषयों पर चर्चा करेंगे। सुनक ने कहा कि एक ओर AI आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, मानव क्षमता को आगे बढ़ाएगा और उन समस्याओं का समाधान करेगा, तो वहीं ये नए खतरे और नए डर को भी सामने लाती है।
सुनक बोले- हम सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों के पास बेहतर भविष्य के अवसर हों
ब्रिटेन के पीएम ने कहा कि मेरे लिए ज़िम्मेदारी का काम उन आशंकाओं को दूर करना है, जिससे आपको मानसिक शांति मिलेगी कि हम आपको सुरक्षित रखेंगे। साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि आपके और आपके बच्चों के पास बेहतर भविष्य के सभी अवसर हों जो AI के जरिए लाया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और गूगल डीपमाइंड के सीईओ डेमिस हसाबिस इस शिखर सम्मेलन में पहुंच सकते हैं। इनके अलावा चीन के भी भाग लेने की उम्मीद है, जबकि यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष वेरा जौरोवा को निमंत्रण मिला है।
टेक फर्म के CEO ने किया था चौंकाने वाला दावा
बता दें कि ब्रिटेन के टेक फर्म एंथ्रोपिक के CEO डारियो अमोदेई ने चौंकाने वाला दावा किया था। उन्होंने कहा था कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से संभलने की जरूरत है। अमोदेई के मुताबिक, 25 फीसदी संभावना है कि AI मानव सभ्यता को नष्ट कर देगा। इससे पहले अमोदेई ने इसी साल जुलाई के आखिरी हफ्ते में चेतावनी दी थी कि AI चैटबॉट अपराधियों को जैविक हथियार बनाने में मदद कर सकते हैं। दावा किया गया था कि AI अगले दो से तीन वर्षों में अपराधियों को जैविक हथियार और अन्य खतरनाक हथियार बनाने में सक्षम बना सकता है।
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