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क्या तेल की कीमतों में होगी 15% की गिरावट, ट्रंप और नेतन्याहू के गाजा युद्धविराम ने दी वैश्विक शांति को नई दिशा

Will Oil Prices Drop by 15%? गाजा के पुनर्निर्माण के लिए 50 अरब डॉलर का फंड रखा गया है. इस पुनर्निर्माण के लिए अमेरिका 20 अरब और यूरोपीय संघ 15 अरब का योगदान देगा. इस बारे में ट्रंप ने कहा कि यह मेरी दूसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी विदेश नीति की जीत है. अब मध्य पूर्व में शांति का युग शुरू हो रहा है.

Will Oil Prices Drop by 15%? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में एक ऐतिहासिक समझौते पर साइन किए है. इस एग्रीमेंट के तहत गाजा पट्टी में चल रहे हिंसक संघर्ष को तत्काल युद्धविराम घोषित किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह समझौता ट्रंप की 'मेक मिडिल ईस्ट ग्रेट अगेन' पहल का हिस्सा है. इस समझौते के बाद अब हमास और इजरायली सेना के बीच 18 महीनों से चली आ रही जंग खत्म होने की उम्मीद है. अर्थशास्त्रीयों के अनुसार इस डील से विश्व स्तर पर तेल कीमतों में 10 से 15% तक की गिरावट आने की उम्मीद है, क्योंकि लाल सागर में जहाजरानी अब सुरक्षित हो जाएगी.

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गाजा के पुनर्निर्माण के लिए अमेरिका 20 अरब और यूरोपीय संघ 15 अरब का योगदान देगा

जानकारी के अनुसार इस समझौते में गाजा के पुनर्निर्माण के लिए 50 अरब डॉलर का फंड रखा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस पुनर्निर्माण के लिए अमेरिका 20 अरब और यूरोपीय संघ 15 अरब का योगदान देगा. समझौते के बाद ट्रंप ने कहा कि यह मेरी दूसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी विदेश नीति की जीत है. अब मध्य पूर्व में शांति का युग शुरू हो रहा है. यह समझौता केवल क्षेत्रीय नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर एक बड़ा बदलाव लाएगा.

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ईरान और हिजबुल्लाह जैसे समूहों ने युद्धविराम पर दी चेतावनी

इस समझौते से यूरोप और एशिया की अर्थव्यवस्थाएं मजबूत होंगी. वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने इसे 'शांति की नई सुबह' करार दिया है. लेकिन उधर, समझौते पर ईरान और हिजबुल्लाह जैसे समूहों ने चेतावनी दी है कि यह युद्धविराम अस्थायी हो सकता है. इसके अलावा ग्लोबल मार्केट में इसके असर की बात करें तो डाउ जोन्स इंडेक्स 2% ऊपर बंद हुआ है.

भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आएगी

भारत के परिपेक्ष्य में देखों तो यह समझौता देश के लिए एक राहत भरी सांस लेकर आया है. भारत जो मध्य पूर्व से 80% कच्चा तेल आयात करता है को अब ऊर्जा सुरक्षा में स्थिरता मिलेगी. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी से महंगाई पर अंकुश लगेगा जो आम आदमी की जेब को राहत देगी. इसके अलावा भारत के 40 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों खासकर गल्फ देशों में को सुरक्षित वातावरण मिलेगा. इसक अलावा कूटनीतिक रूप से भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति मजबूत होगी, क्योंकि इजरायल के साथ उसके रक्षा सौदे बढ़ेंगे.

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