बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के दिग्गल तारिक रहमान 17 साल के लंबे निर्वासन के बाद आज यानी गुरुवार को लंदन से वतन लौट रहे हैं, और राजनीतिक हलकों में सवाल उठ रहा है कि क्या वे अगले प्रधानमंत्री बन पाएंगे. पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे और बीएनपी के कार्यकारी चेयरमैन 60 साल के तारिक की वापसी को फरवरी के आम चुनावों से पहले बड़ा शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है, जहां पार्टी 50 लाख समर्थकों को एयरपोर्ट से स्वागत स्थल तक जुटाने की तैयारी में जुटी है. शेख हसीना की सत्ता उखड़ने और उनकी पार्टी पर बैन के बाद बीएनपी मजबूत पोजीशन में है, अमेरिकी सर्वे में भी वे सबसे आगे दिख रहे हैं.
यह भी पढ़ें: थाई-कंबोडिया बॉर्डर पर विष्णु मूर्ति तोड़ने पर भारत ने जताया ऐतराज, विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
---विज्ञापन---
तारिक 2008 से लंदन में थे, जहां मनी लॉन्ड्रिंग और हसीना हत्या साजिश जैसे कई केसों में सजा काटी, लेकिन हसीना के जाने के बाद सभी आरोप हट गए, जिससे रास्ता साफ हो गया. उनकी मां खालिदा जिया की गंभीर बीमारी ने भी इस वापसी को मजबूर किया, जैसा कि पार्टी के अंदरूनी सूत्र बता रहे हैं. वरिष्ठ नेता रूहुल कबीर रिजवी ने इसे 'निर्णायक राजनीतिक क्षण' करार दिया, जबकि 1991 से चले आ रहे खालिदा-हसीना के सत्ता द्वंद्व में अब तारिक नया चेहरा बनकर उभर रहे हैं.
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें: देशभर में क्रिसमस का जश्न, सुनहरे रंग की रोशनी से जगमगाए चर्च; यीशु मसीह के जन्म की बांटीं खुशियां
चुनावी समर में जमात-ए-इस्लामी भी मैदान में है, लेकिन बीएनपी की लोकप्रियता और तारिक की छवि उन्हें पीएम कैंडिडेट के रूप में आगे रख रही है. बांग्लादेश की सियासत में यह वापसी नया मोड़ ला सकती है, खासकर छात्र आंदोलन के बाद बने नए समीकरणों के बीच. तारिक के स्वागत की भव्यता तय करेगी कि पार्टी कितनी मजबूत खड़ी है, और क्या वे मां की विरासत संभालकर सत्ता की कुर्सी तक पहुंच पाते हैं.