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PM Modi Egypt Visit: मिस्र की एक हजार साल पुरानी मस्जिद का दौरा करेंगे PM मोदी, जानें क्या है बोहरा मुस्लिमों का कनेक्शन

PM Modi Egypt Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 और 25 जून को मिस्र की राजकीय यात्रा करेंगे। दौरे के अंतिम दिन पीएम मोदी राजधानी कैरो में एक हजार साल पुराने मशहूर अल हकीम मस्जिद जाएंगे। इस मस्जिद का भारतीय मुस्लिमों के खास दाऊदी बोहरा समुदाय से गहरा कनेक्शन है। अक्सर पीएम मोदी भारत में बोहरा […]

PM Modi Egypt Visit
PM Modi Egypt Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 और 25 जून को मिस्र की राजकीय यात्रा करेंगे। दौरे के अंतिम दिन पीएम मोदी राजधानी कैरो में एक हजार साल पुराने मशहूर अल हकीम मस्जिद जाएंगे। इस मस्जिद का भारतीय मुस्लिमों के खास दाऊदी बोहरा समुदाय से गहरा कनेक्शन है। अक्सर पीएम मोदी भारत में बोहरा समुदाय के साथ खड़े नजर आते हैं। वे उन्हें देशभक्त और शांति का समर्थक कहते हैं।

कौन हैं दाऊदी बोहरा मुस्लिम?

दाऊदी बोहरा मुस्लिमों को फातिमी इस्माइली तैयबी विचारधारा को मानते हैं। इनकी विरासत मिस्र से है। इतिहास के अनुसार, दाऊदी बोहरा यमन होते हुए 11वीं शताब्दी में भारत में आकर बसे। 1539 तक इनकी संख्या काफी बढ़ गई। जिसके बाद संप्रदाय की गद्दी को यमन से गुजरात के पाटन जिले में मौजूद सिद्धपुर में ट्रांसफर कर दिया गया। आज भी सिद्धपुर में बोहरा समुदाय की हवेलियां हैं। इस समुदाय के पुरुष सफेद कपड़े और सुनहरे रंग की टोपी पहनते हैं। महिलाएं रंगीन बुर्का पहनती हैं। बोहरा मुस्लिमों में भी दो वर्ग है। एक एक व्यापारी वर्ग शिया समुदा और एक सुन्नी बोहरा अल्पसंख्यक जो मुख्य रूप से किसान हैं। अकेले भारत में लगभग 5 लाख बोहरा हैं, जो दुनिया में रहने वाले बोहरा समुदाय का 50 फीसदी है। बोहराओं का नाम गुजराती शब्द वाहौरौ से लिया गया है। जिसका अर्थ है व्यापार करना। भारत में बोहरा मुस्लिम गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में प्रमुखतया पाए जाते हैं। सूरत को उनका बेस कहा जाता है।

धर्म प्रमुख के 100वें बर्थडे पर गए थे पीएम मोदी

पीएम मोदी का बोहरा मुस्लिमों से खास कनेक्शन रहा है। 2011 में जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने दाऊदी बोहरा समुदाय के तत्कालीन धार्मिक प्रमुख सैयदना बुरहानुद्दीन के 100वें जन्मदिन में शामिल हुए थे। 2014 में उनके निधन के बाद पीएम मोदी उनके बेटे और उत्तराधिकारी सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए मुंबई भी गए थे। 2015 में पीएम मोदी ने वर्तमान धार्मिक प्रमुख सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से दोबारा मुलाकात की। मुंबई के मरोल में अलजामिया-तुस-सैफियाह (सैफी अकादमी) के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए पीएम ने समुदाय से कहा था कि वह उनके परिवार का हिस्सा हैं। 2016 में सैयदना ने पीएम से मुलाकात की। पीएम मोदी ने कहा था कि महात्मा गांधी दांडी मार्च से लौटे तो इसी समुदाय ने उनकी मेजबानी की थी। पीएम मोदी के विदेशी दौरों में भी बोहरा समुदाय के लोगों की अच्छी खासी तादात रहती है।

राजदूत ने कहा- हमारे संबंध चार हजार साल पुराने

मिस्र में भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने शुक्रवार को कहा कि भारत और मिस्र दुनिया की दो सबसे बड़ी प्राचीन सभ्यताएं हैं। हमारे संबंध 4000 साल से भी अधिक पुराने हैं। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और प्रधान मंत्री मोदी दोनों के 2014 में सत्ता में आने के बाद ये रिश्ते और मजबूत हुए हैं। मिस्र में हर कोई भारतीय संस्कृति का कायल है और वे दशकों से बॉलीवुड फिल्में देखते आ रहे हैं। गुप्ते ने कहा कि वे जानते हैं कि भारत और मिस्र ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन बनाने के लिए मिलकर काम किया था। उन्हें अभी भी महात्मा गांधी और साद जघलौल के बीच घनिष्ठ मित्रता याद है। यह भी पढ़ें: PM Modi Egypt Visit: प्रधानमंत्री मोदी मिस्र में 11वीं सदी के मस्जिद का करेंगे दौरा, देखें अल हकीम की शानदार तस्वीरें


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