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क्या हैं सुपर रिच टैक्स? जिनके कारण ब्रिटेन छोड़ने को मजबूर हुए स्टील बिजनेस टायकून लक्ष्मी मित्तल

Lakshmi Mittal Super Rich Tax: सुपर रिच टैक्स के कारण भारतीय अरबपति लक्ष्मी मित्तल ने ब्रिटेन छोड़कर किसी और देश में बसने का फैसला किया है, जहां से वे भारत समेत दुनियाभर में फैले अपने बिजनेस को संभालेंगे. लक्ष्मी मित्तल परिवार और ऑफिस समेत ब्रिटेन छोड़ेंगे और उनके दुबई में बसने की चर्चा चल रही है.

भारतीय अरबपति लक्ष्मी मित्तल ब्रिटेन के 8वें सबसे अमीर व्यापारी हैं.

What is Super Rich Tax: भारतीय अरबपति और स्टील बिजनेस टायकून लक्ष्मी मित्तल ने ब्रिटेन छोड़कर कहीं और बसने का फैसला कर लिया है. 75 साल के लक्ष्मी मित्तल ब्रिटेन के 8वें सबसे अमीर बिजनेसमैन हैं और ब्रिटेन में रहकर ही दुनियाभर में फैला अपना कारोबार संभाल रहे थे, लेकिन अब उन्होंने अचानक ब्रिटेन को छोड़कर जाने का फैसला कर लिया. इसकी वजह ब्रिटेन से सुपर रिच टैक्स (Super Rich Tax) बताए जा रहे हैं.

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क्या हैं UK के सुपर रिच टैक्स?

बता दें कि ब्रिटेन के सुपर रिच टैक्स कई प्रकार के टैक्स का ग्रुप है, जो प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और चांसलर रेचल रीव्स के नेतृत्व वाली सरकार ने देश के अमीर लोगों पर लगाए गए हैं. यह टैक्स उन लोगों पर लगाए गए हैं, जिनकी प्रॉपर्टी करीब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है. टैक्स का प्रावधान साल 2024 के बजट में किया गया था और आगामी बजट में टैक्स और कड़े हो सकते हैं. वहीं सुपर रिच टैक्स लगाने का मतलब इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देना, पब्लिक फाइनेंस की कमी को पूरा करना है.

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एक नहीं कई टैक्स का हैं ग्रुप

बता दें कि सुपर रिच टैक्स अलग-अलग कैटेगरी के कई प्रकार के टैक्स हैं, जो ब्रिटेन में बसे विदेशी उद्यमियों और व्यापारियों के प्रवास का कारण बनने लगे हैं. इन टैक्स में इनहेरिटेंस टैक्स (IHT), कैपिटल गेन टैक्स और वेल्थ टैक्स शामिल हैं, जो ब्रिटेन के अमीर लोगों को भरने पड़ेंगे. पहले अरबपतियों और अमीरों की प्रॉपर्टी पर कोई टैक्स नहीं लगता था, लेकिन अब भारी-भरकम टैक्स लगने से बिजनेसमैन दूसरे देशों में शिफ्ट हो रहे हैं, जिससे ब्रिटेन को प्रवासियों से होने वाला रेवेन्यू घट सकता है.

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सुपर रिच टैक्स में हैं ये टैक्स

नॉन-डॉम स्टेटस टैक्स उद्यमियों को ब्रिटेन के बाहर से होने वाली इनकम पर भरना होगा. पहले बाहर की इनकम टैक्स से फ्री थी, लेकिन अप्रैल 2025 में इस छूट को खत्म कर दिया गया और ब्रिटेन में 4 साल से ज्यादा समय से रह रहे अमीरों पर 45 प्रतिशत तक का टैक्स लगा दिया गया. इनहेरिटेंस टैक्स (IHT) ब्रिटेन में बिजनेसमैन की मौत के बाद प्रॉपर्टी पर 40% टैक्स लगता है, लेकिन अब इस टैक्स के दायरे में ट्रस्ट और विदेशी संपत्तियां भी आएंगी, जिससे आर्थिक बोझ और बढ़ जाएगा.

कैपिटल गेन टैक्स प्रॉपर्टी या शेयर बेचने पर होने वाले लाभ पर 25 प्रतिशत टैक्स लगता है, जिसे 20 से 28 प्रतिशत बढ़ाने की अफवाह है. प्राइवेट इक्विटी या कैरिड इंटरेस्ट टैक्स बिजनेस से होने वाले प्रॉफिट को इनकम टैक्स के रूप में दिखाने पर 45 प्रतिशत टैक्स लगेगा. चर्चा है कि आगामी बजट में एक से ढाई प्रतिशत एनुअल वेल्थ टैक्स प्रस्तावित है. आगामी बजट में 20 प्रतिशत एग्जिट टैक्स प्रस्तावित है, जो ब्रिटेन छोड़कर दुबई या स्विट्जरलैंड में शिफ्ट होने वालों को यह टैक्स देना होगा.

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दुबई में बस सकते हैं मित्तल

बता दें कि लक्ष्मी मित्तल दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी Arcelor Mittal के प्रमोटर हैं. करीब 15.4 बिलियन पाउंड की निजी संपत्ति वाले मित्तल ब्रिटेन की सरकार द्वारा घाटे को पूरा करने के लिए सुपर रिच टैक्स के तहत लगाए इनहेरिटेंस टैक्स के कारण ब्रिटेन छोड़ रहे हैं, जिसके तहत उन्हें ब्रिटिश नागरिक होने के नाते दुनिया में कहीं भी संपत्ति होने पर 40 प्रतिशत टैक्स ब्रिटेन को देना होगा. टैक्स के हल्के नियमों की वजह से मित्तल इस वक्त स्विट्जरलैंड में रह रहे हैं, लेकिन अब इससे भी आसान टैक्स वाले दुबई में वे अपना अधिक समय बिताएंगे, जहां पहले से उनका आलीशान बंगला और Naia आइलैंड पर प्रॉपर्टी भी है.


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