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Explainer: केमिकल कैस्ट्रेशन की सजा क्या है और कैसे दी जाती है? इटली में रेप करने पर मिलेगी

Chemical Castration Punishment: दुष्कर्म और यौन शोषण करने वालों को अब कड़ी सजा मिलेगी। इटली की सरकार एक नया कानून ला रही है, जिसके तहत जो सजा दी जाएगी, वह अपराधी ने सपने में भी नहीं सोची होगी। वहीं अगर अपराधी उस सजा को स्वीकार कर लेगा तो उसे जेल की सजा में छूट मिल जाएगी।

प्रतीकात्मक फोटो
Chemical Castration Puninshment Explainer: इटली सरकार दुष्कर्म और बच्चों का यौन शोषण करने वालों के खिलाफ नया कानून पारित किया है, जिसमें 'केमिकल कैस्ट्रेशन' की सजा का प्रावधान होगा। दुष्कर्म और यौन शोषण का अपराध साबित होने पर कानून के तहत 'केमिकल कैस्ट्रेशन' की सजा दी जाएगी, जिसमें यौन इच्छा को कम करने वाली दवाई अपराधियों की दी जाएगी या दूसरे शब्दों में कहें तो उन्हें नपुंसक बना दिया जाएगा। इटली सरकार का दावा है कि इस सजा का प्रावधान होने से दुष्कर्म और यौन शोषण जैसे अपराध होने से रोकने में मदद मिलेगी। वहीं अगर अपराधी सजा स्वीकार करता है तो उसे जेल की सजा में कुछ छूट दी जा सकती है। आइए 'केमिकल कैस्ट्रेशन' सजा के बारे में विस्तार से जानते हैं...  

क्या है केमिकल कैस्ट्रेशन?

केमिकल कैस्ट्रेशन एक मेडिकल प्रोसेस है, जिसमें हार्मोनल ट्रीटमेंट करके और दवाइयां देकर किसी शख्स की यौन इच्छा, यौन उत्तेजना को कम किया जाता है। उसकी प्रजनन क्षमता को घटा दिया जाता है। आमतौर पर मानवीय जीवन में इस ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन यौन अपराधियों, बाल यौन शोषण के दोषियों और दुष्कर्म के दोषियों को सजा देने के लिए इस मेडिकल प्रोसेस का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि वे फिर से अपराध करने की सोच भी न सकें और दूसरे अपराधियों को भी सबक मिले। यौन अपराध रोकने के लिएइस प्रोसेस को सजा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह नसबंद नहीं है।

क्या दवाई दी जाती है और क्या प्रभाव रहता है?

केमिकल कैस्ट्रेशन ट्रीटमेंट के तहत पुरुषों के हार्मोन (टेस्टोस्टेरोन) के लेवल को कम करने के लिए मेड्रोक्सीप्रोजेस्टेरोन एसीटेट (MPA) या LHRH एगोनिस्ट्स (जैसे ल्यूप्रोलाइड) दवाई दी जाती है। हालांकि दवा बंद करने पर इसका प्रभाव भी खत्म हो सकता हैं, लेकिन अगर 3 साल तक इस प्रोसेस को जारी रखा जाता है तो यह किसी व्यक्ति को नपुंसक बना सकता है। हड्डियां कमजोर कर सकता है। दिल की बीमारी, डिप्रेशन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह भी पढ़ें:क्या होते हैं डिफेंस अताशे? ऑपरेशन सिंदूर पर नेवी अफसर के बयान से चर्चा में आया पद

कई देशों ने लागू की है ये सजा

इटली से पहले अमेरिका, पाकिस्तान, साउथ कोरिया, इंडोनेशिया, यूक्रेन में यह सजा लाग है। अमेरिका के कैलिफोर्निया में साल 1996 में पहली बार यह सजा लागू हुई थी। आज फ्लोरिडा, अलबामा, लुइसियाना, टेक्सास आदि राज्यों में भी यह सजा लागू है। बच्चों के खिलाफ अपराध के दोषियों को यह सजा खासतौर पर इन राज्यों में दी जाती है। अलबामा में 13 साल से कम उम्र के पीड़ितों के मामलों में यह सजा अनिवार्य है। पाकिस्तान में साल 2020 से दुष्कर्म के दोषियों को बिना सहमति के यह सजा दी जा रही है। साउथ कोरिया में साल 2011 से 16 साल से कम उम्र के बच्चों के यौन अपराधियों को यह सजा दी जा रही है। इंडोनिशय में साल 2016 से यह सजा लागू है। यूक्रेन में साल 2019 से यह सजा 18 से 65 साल के सभी अपराधियों के लिए लागू है।

क्या भारत में यह सजा लागू है?

नहीं, भारत में अभी तक केमिकल कैस्ट्रेशन की सजा लागू नहीं है और न ही कानून में इस सजा का प्रावधान है। भारत में दुष्कर्म और यौन अपराधों के लिए आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा लागू है, जो संविधान के तहत किए गए प्रावधाानों और पॉक्सो एक्ट के तहत दी जाती है। यह भी पढ़ें:कोरोना जैसी नई महामारी दस्तक दे सकती है? जानें हेनिपा वायरस कितना खतरनाक और कैसे फैलेगा? केमिकल कैस्ट्रेशन एक विवादास्पद सजा है, क्योंकि कई देशों में यह सजा जबरन दी जाती है, जिसे मानवाधिकार का उल्लंघन माना जाता है। बिना सहमति के गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन मानी जाती है। मेडिकल एक्सपर्ट इसे हिप्पोक्रेटिक ओथ का उल्लंघन मानते हैं, क्योंकि इसे शख्स को शारीरिक हानि होती है। अमेरिका में एक्सपर्ट इसे 8वें संशोधन (क्रूर और असामान्य सजा के खिलाफ) का उल्लंघन मानते हैं। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इस सजा को क्रूर और अमानवीय मानता है।


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