Chandra Nagamallaiah Murder Update: अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने टेक्सस में भारतीय मूल के चंद्र नागमल्लैया की हत्या की निंदा की है. विभाग का कहना है कि इस वारदात को पूरी तरह रोका जा सकता था, अगर आरोपी योरदानिस कोबोस-मार्टिनेज को बाइडेन प्रशासन ने पहले ही रिहा न किया होता.
रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी कोबोस-मार्टिनेज पहले से ही गंभीर मामलों में कई बार पकड़ा जा चुका था, लेकिन क्यूबा ने उसे वापस लेने से इनकार कर दिया था. इसके चलते अमेरिकी प्रशासन ने उसे 'ऑर्डर ऑफ सुपरविजन' के तहत छोड़ा दिया था. इसी बीच उसने डैलस के एक मोटल में चंद्र नागमल्लैया पर हमला किया और उनकी पत्नी और बेटे के सामने ही बेरहमी से हत्या कर दी.
---विज्ञापन---
ये भी पढ़ें-ट्रंप ने करवाया वेनेजुएला में शिप पर हमला, 3 की मौत, ड्रग तस्करी नेटवर्क को जड़ से खत्म करेंगे
---विज्ञापन---
DHS ने क्या कहा?
डीएचएस ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि टेक्सास में एक मोटल मैनेजर नागमल्लिया को उसकी पत्नी और बच्चे के सामने ही मार दिया. आरोपी ने बेरहमी से उसका सिर काट दिया है और अब उसे अमेरिका में नहीं रहना चाहिए. विभाग ने उस शख्स को राक्षस कहा. दरअसल, डिपार्टमेंट का कहना है कि क्यूबा पहले ही कोबोस-मार्टिनेज को स्वीकार करने से पीछे हट चुका है, जिस वजह से बाइडेन प्रशासन ने उसे रिहा कर दिया. अगर उस समय ऐसा न किया जाता तो शायद ऐसी घटना नहीं होती.
अवैध प्रवासियों पर कोई नरमी नहीं- ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने इस हत्या से पहले भी कई रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा था कि ऐसे लोगों को रखना सुरक्षित नहीं है. सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ट्रंप ने कहा था कि एक प्रवासी हमारे देश में आकर किसी को ऐसी क्रूरता के साथ नहीं मार सकता है. उसे यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है. ट्रंप ने बाइडेन के शासनकाल के बारे में बात करते हुए कहा कि इस शख्स को क्यूबा ने छोड़ दिया क्योंकि ये बदमाश है और बाइडेन प्रशासन ने भी उसे रिहा कर दिया.
हालांकि, ट्रंप ने स्पष्ट कहा है कि आरोपी को हिरास्त में लिया जा चुका है और उस पर फर्स्ट डिग्री मर्डर के तहत केस चलाया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि मेरे शासनकाल में किसी भी अवैध प्रवासी के साथ नरमी नहीं बरती जाएगी. इस घटना के बाद अमेरिका में इमिग्रेशन पॉलिसी और अवैध प्रवासियों पर निगरानी को लेकर बहस और तेज हो गई है.
ये भी पढ़ें-ट्रंप की हमास को खुली धमकी, इजरायल से बदला लेने को एकजुट हुए 54 देश, क्या है प्लानिंग?