हवा में कहां गायब हो गया यूएस मरीन का हेलीकॉप्टर? 5 नौसैनिक कर रहे थे सफर
US Marine Helicopter Missing: बचाव दल हेलीकॉप्टर की तलाश में जुटा है।
US Marine Helicopter Missing: यूएस मरीन कॉर्प्स के हेलीकॉप्टर के लापता होने की खबर सामने आई है। बचाव दल यूएस मरीन कॉर्प्स के हेलीकॉप्टर की तलाश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह कैलिफोर्निया की उड़ान के दौरान लापता हो गया था। यह हेलीकॉप्टर सीएच-53ई सुपर स्टैलियन है।
एयर स्टेशन मिरामार ने दी सूचना
बचाव दल के अनुसार, बुधवार को सैन डिएगो के पास मरीन कॉर्प्स एयर स्टेशन मिरामार ने इसके लापता होने की सूचना दी। हेलीकॉप्टर में पांच नौसैनिक यात्रा कर रहे थे। हेलीकॉप्टर ने लास वेगास के पास एक एयरबेस से उड़ान भरी थी। सैन डिएगो काउंटी शेरिफ विभाग की ओर से इसे खोजने में मदद की जा रही है।
स्क्वाड्रन 361 को सौंपा गया
मरीन कॉर्प्स ने एक आधिकारिक बयान भी जारी किया है। उसने कहा कि लापता नौसैनिकों को मरीन हेवी हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन 361 को सौंपा गया था। वे तीसरे समुद्री विमान विंग का हिस्सा हैं। इसका मुख्यालय मिरामार में स्थित है।
कैलिफोर्निया के लेक मोरिना के पास की खोज
जानकारी के अनुसार, स्थानीय समयानुसार 2:20 बजे अग्निशमन कर्मियों को लापता विमान के बारे में सतर्क कर दिया गया। बचाव कर्मियों को कैलिफोर्निया के लेक मोरिना के पास एक एरिया में इसे ढूंढ़ने के लिए भेजा गया। हालांकि उन्हें हेलीकॉप्टर या उसमें सवार नौसैनिक नहीं मिले।
बर्फबारी और सर्दी से दिक्कतें
इस पूरे बचाव अभियान में सबसे बड़ी दिक्कत भारी बर्फबारी और सर्दी से हो रही है। इस कारण बचाव दल को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। जब क्षेत्र में शीतकालीन तूफान के बीच ही यह घटना हुई। भारी बारिश और पहाड़ी इलाकों में कई इंच बर्फबारी की भी जानकारी मिली है। इसके चलते काफी मुश्किल हो रही है।
1981 में पहली बार किया गया था इस्तेमाल
आपको बता दें कि इस हेलीकॉप्टर को पहली बार 1981 में सक्रिय सेवा के लिए इंट्रोड्यूस किया गया था। सीएच-53ई सुपर स्टैलियन मरीन कॉर्प्स का मुख्य आधार माना जाता है। हालांकि इसे आमतौर पर ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन इसने कई मिशनों में भी बड़ी भूमिका निभाई है। यह 37 यात्रियों तक को ले जाने की भी क्षमता रखता है।
पहले भी हो चुका है हादसे का शिकार
सैनिकों को ले जाने के अलावा इस हेलीकॉप्टर का उपयोग अमेरिकी और जापानी नौसेनाओं की ओर से भी किया जाता है। इसका इस्तेमाल युद्ध और सप्लाई के लिए भी किया जाता है। आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त में एक मरीन कॉर्प्स पायलट की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार, पायलट का F/A-18 हॉर्नेट जेट मरीन कॉर्प्स एयर स्टेशन मिरामार के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इससे पहले भी ये हेलीकॉप्टर कई गंभीर दुर्घटनाओं में शामिल रहे हैं। अप्रैल 2018 और जनवरी 2016 में ये हेलीकॉप्टर क्रैश हो गए थे।
ये भी पढ़ें: भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर वरुण घोष कौन? जिन्होंने संसद में गीता पर हाथ रखकर ली शपथ
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.