TrendingparliamentPollutionBollywood

---विज्ञापन---

Taliban Makes Fun Of Pakistan: तालिबान नेता ने पाकिस्तान को किया शर्मिंदा, शेयर की 1971 के सरेंडर की तस्वीर

Taliban Makes Fun Of Pakistan: तालिबान के एक नेता ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर पाकिस्तान का मजाक उड़ाया है। अफगान तालिबानी नेता ने 1971 के युद्ध में भारत के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए पाकिस्तान का मजाक उड़ाया और कहा कि इसी कारण पूर्वी पाकिस्तान से अलग होकर नया देश बांग्लादेश बना […]

Taliban Makes Fun Of Pakistan: तालिबान के एक नेता ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर पाकिस्तान का मजाक उड़ाया है। अफगान तालिबानी नेता ने 1971 के युद्ध में भारत के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए पाकिस्तान का मजाक उड़ाया और कहा कि इसी कारण पूर्वी पाकिस्तान से अलग होकर नया देश बांग्लादेश बना था। तालिबान के सदस्य अहमद यासिर ने तालिबान पर हमला करने के खिलाफ पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए ट्वीट किया, ‘पाकिस्तान के मंत्री! बहुत बढ़िया सर! सीरिया में कुर्दों को निशाना बनाने के लिए अफगानिस्तान सीरिया और पाकिस्तान तुर्की नहीं है। यह अफगानिस्तान, गौरवान्वित साम्राज्यों का कब्रिस्तान है। अगर हम पर हमले की सोचोगे तो भारत के साथ हुए शर्मनाक सैन्य समझौतों को फिर से दोहराना पड़ेगा।” बता दें कि पाकिस्तानी सेना के 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने अपने हथियार डाल दिए जिसके बाद एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण था। और पढ़िएTwitter : मस्क का बड़ा खुलासा – अमेरिकी सरकार ने की थी पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट सस्पेंड करने की मांग

पाकिस्तान की ओर से शुरू किया गया था युद्ध

बता दें कि 1971 का भारत-पाक युद्ध पाकिस्तान की ओर से शुरू किया गया था। पहले पाकिस्तान की ओर से बड़ी संख्या में भारतीय वायु सेना (IAF) के ठिकानों पर हमले हुए। इन हमलों का जवाब भारतीय रक्षा बलों ने कड़ा जवाब दिया। आखिर में लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया। अफ़ग़ानिस्तान में अशरफ़ ग़नी की सरकार के पतन के बाद पाकिस्तान उन कुछ देशों में से एक था, जिसने युद्ध से तबाह देश पर तालिबान के अधिग्रहण की सराहना की थी। पाकिस्तान में उग्रवाद में वृद्धि और पिछले साल अगस्त से तालिबान के साथ सीमा पर हुई झड़प कुछ और ही इशारा कर रही है। अगस्त 2021 में जब लोकतांत्रिक सरकार को अपदस्थ किया गया था, तब पाकिस्तान के तत्कालीन खुफिया प्रमुख इस अधिग्रहण का जश्न मनाने के लिए काबुल गए थे। और पढ़िएदुनिया से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


Topics:

---विज्ञापन---