5 कोशिशें फेल, छठे प्रयास में जोरदार ब्लास्ट; मारे गए 19 लोग, मरने वालों में 11 हॉकी प्लेयर्स
11 हॉकी खिलाड़ी को ले जा रहा जहाज क्रैश होने के बाद खाली ग्राउंड में गिर गया था।
Sverdlovsk Plane Crash Anniversary: 5 बार लैंडिंग का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद छठी बार फिर प्लेन को लैंड कराने की कोशिश की गई, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और जोरदार धमाके के साथ प्लेन क्रैश हो गया। हादसे में जहाज में सवार सभी 19 लोग मारे गए, जिसमें आइस हॉकी टीम के 11 खिलाड़ी भी शामिल थे। 7 जनवरी की सुबह जब परिजनों को अपने जिगर के टुकड़ों के शव मिले तो पूरा देश उनके दुख को बांटने के लिए उमड़ा।, खिलाड़ी डेज़रज़िनेट्स चेल्याबिंस्क के खिलाफ मैच खेलने जा रहे थे। हादसा चेल्याबिंस्क में खराब मौसम के कारण हुआ। घनी धुंध, तेज-ठंडी बफीर्ली हवाओं के कारण बैलेंस बिगड़ गया था। खराब मौसम के कारण उड़ान को सेवरडलोव्स्क की ओर मोड़ दिया गया। वहीं मैच को भी खराब मौसम के चलते रद्द कर दिया।
शॉर्ट सर्किट के कारण जहाज में लगी थी आग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पायलट ने कोल्टसोवो हवाई अड्डे पर 5 बार प्लेन को लैंड कराने की कोशिश की, लेकिन छठे प्रयास में पायलट जहाज को संभाल नहीं पाया और शॉर्ट सर्किट के कारण प्लेन में आग लग गई। धमाके के साथ प्लेन क्रैश हो गया। इसके बाद 5 जनवरी 1950 की सुबह सोवियत रूस के लोगों को बुरी खबर मिली कि प्लेन क्रैश में सोवियत एयरफोर्स के 11 खिलाड़ी मारे गए। सेवरडलोव्स्क विमान दुर्घटना को रूस के इतिहास का सबसे दर्दनाक हादसा माना जाता है। हादसे में मारे गए खिलाड़ियों में गोलकीपर हारिज मेलुप्स, खिलाड़ी सुलमानिस, वोरोनिन, बोचारनिकोव, नोविकोव, ज़िगमंड, तरासोव (अनातोली का भाई), ज़िबर्टोविच, मोइसेव, वोलोडिन शामिल थे।
सामूहिक क्रब में दफनाए गए थे मारे गए लोग
वीवीएस मॉस्को, जो मॉस्को मिलिट्री एयर फोर्स का क्लब था, सोवियत डेफेंस मिनिस्ट्री के सहयोग से चलता था। इस क्लब की कुछ टीमें थीं और इनमें से एक हॉकी फ्रेंचाइजी थी, जिसे वीवीएस मॉस्को हॉकी टीम कहा कहा जाता था। इस क्लब का अध्यक्ष जोसेफ स्टालिन और उनकी दूसरी पत्नी का बेटा वासिली स्टालिन था, जो वीवीएस मॉस्को हॉकी टीम का सबसे बड़ा प्रशंसक भी था, लेकिन उसकी एक विश पूरी करने के लिए खिलाड़ी मैच खेलने जा रहे थे कि हादसे का शिकार हो गए। वासिली ने अपने पिता से हादसे के समाचार को छिपाने की कोशिश की, ताकि समाचार पत्रों में इसका कोई संकेत न मिले। लाशें इतनी क्षत-विक्षत थीं कि उनकी पहचान करना मुश्किल था, इसलिए परिजनों से समझौता करके उन्हें दुर्घटनास्थल के पास ही एक सामूहिक कब्र में दफना दिया गया। जोसेफ को इसका पता नहीं चला, लेकिन जब राज खुला तो वासिली को गिरफ्तार कर लिया गया था। केस चला और उसे सजा भी हुई।
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