PM Modi SCO Summit China Speech: चीन के तियानजिन शहर में चल रहे SCO समिट 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात ररू के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से हुई। दोनों के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी दिखे। तीनों दिग्गजों की आपस में काफी बातें हुईं और प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात को सुखद अनुभव बताया। वहीं पुतिन और जिनपिंग से मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने SCO समिट को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बड़ी बातें...
1. SCO समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने SCO के 3 नए मतलब S (सिक्योरिटी), C (कनेक्टिविटी), O (अपॉर्चुनिटी) बताए। उन्होंने कहा कि भारत ने SCO मेंबर में रूप में सकारात्मक भूमिका निभाई है। इसे एक परिवार की तरह जोड़कर रखा है। भारत की सोच, दृष्टिकोण, विचारधार और नीति 3 महत्वपूर्ण स्तंभों सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर पर आधारित है।
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2. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में पहलगाम आतंकी हमले और आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के प्रति भारत ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। आतंकवाद को लेकर दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए। आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जिन्होंने साथ दिया, उनका धन्यवाद।
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3. प्रधानमंत्री मोदी ने SCO समिट में मौजूद देशों से पूछा कि क्या आतंकवाद का समर्थन स्वीकार है? नहीं, आतंकवाद को लेकर डबल स्टैंडर्ड बर्दाश्त नहीं करेंगे। आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों एकजुट होना चाहिए। आतंकवाद के हर रंग और रूप का विरोध होना चाहिए। किसी भी देश का विकास सुरक्षा, शांति और स्थिरता पर निर्भर करता है, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद, नक्सलवाद चुनौतियां हैं।
4. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद एक देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानव जाति के लिए खतरा है। देश, समाज और मानव जाति इससे सुरक्षित नहीं है। साइबर टेररिज्म और ड्रोन जैसे नए खतरे भी परेशानी बनते जा रहे हैं। इसलिए आतंकियों और आतंकवाद की आर्थिक मदद करने वालों से निपटने के लिए एक प्रस्ताव रखता हूं, जिसमें डी-रेडिकलाइजेशन प्रोगाम शामिल किए जा सकते हैं।
5. प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद से निपटने में SCO-RATS की भूमिका की सराहना की और कहा कि भारत ने अलकायदा और उसके सहयोगी आतंकी संगठनों के खिलाफ संयुक्त सूचना अभियान शुरू किया है। पिछले 40 साल से भारत आतंकवादियों और आतंकी हमलों का शिकार बन रहा है। पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को रुलाया। यह हमला सिर्फ भारत नहीं, बल्कि पूरी मानवता की अंतरात्मा पर चोट था।
6. PM मोदी ने कहा कि भारत Reform, Perform and Transform की विचारधारा के साथ आगे बढ़ रहा है। कोरोन हो या वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश भारत ने की है। आर्थिक सुधारों पर लगातार भारत काम कर रहा है, जिससे देश में विकास के नए अवसर लोगों को मिल रहे हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी बढ़ाया है। भारत की इस विकास यात्रा में शामिल होने के लिए सभी SCO देशों को निमंत्रित करता हूं।
7. प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को देशों की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करना चाहिए। संप्रभुता को दरकिनार करने वाली पहल विश्वास और अर्थ खो देती है। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान चीन की BRI और CPEC जैसी परियोजनाओं पर भारत की आपत्ति की ओर इशारा था। उन्होंने कहा कि संप्रभुता, भेदभाव रहित व्यापार और ट्रांजिट अधिकार सुनिश्चित करना ही सफल कनेक्टिविटी की कुंजी है।
8. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत मजबूत और व्यापार को बढ़ावा देने वाले संपर्कों में विश्वास रखता है, क्योंकि इससे विकास और विश्वास के द्वार खुलते हैं। भारत चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर फोकस कर रहा है। अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ संपर्कों को बेहतर बनाने का प्रयास भारत कर रहा है। संगठित अपराध, नशा तस्करी, साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए 4 नए केंद्र भी भारत स्थापित कर रहा है।