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तेल के देश में मिला सफेद सोने का भंडार, दुनिया में और बढ़ेगा सऊदी अरब का दबदबा

World News in Hindi: सऊदी अरब को नया खजाना हाथ लग गया है। अपने तेल भंडारों की वजह से सऊदी अरब का दुनियाभर में दबदबा है, जो अब और बढ़ेगा। उप खनन मंत्री ने नए भंडार मिलने का ऐलान किया है। जिसके बाद सऊदी अब और भी दौलतमंद बनेगा।

World Latest News: तेल के भंडारों से मालामाल सऊदी अरब को अब एक और बड़ी सौगात मिली है। सऊदी अरब की बड़ी तेल कंपनी का प्रोजेक्ट सिरे चढ़ गया है। कंपनी ने आधुनिक तेल की खोज कर ली है। सऊदी अरब के समुद्री इलाके में पहली बार लिथियम का भंडार मिला है। तेल कंपनी अरामको ने तेल क्षेत्र में अपना पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। अब सऊदी अरब ने व्यावसायिक पायलट प्रोग्राम शुरू किया है, ताकि सीधे तौर पर लिथियम निकाला जा सके। लिथियम को सफेद सोना और आधुनिक तेल भी कहा जाता है। लिथियम को काफी कीमती माना जाता है। इसका प्रयोग इलेक्ट्रिक वाहनों और स्मार्टफोन्स की बैट्रियां बनाने में होता है। विश्वभर में इसकी अच्छी खासी डिमांड है। यह भी पढ़ें- Dinga Dinga Disease: कोरोना के बाद आई खतरनाक बीमारी, इस देश में हाहाकार; ऐसे पहचाने लक्षण इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी किंग अब्‍दुल्‍ला यूनिविर्सटी फॉर साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी की दी गई है। स्‍टार्टअप लिथियम इनफिनिटी प्रोजेक्ट के तहत समुद्री इलाके से लिथियम निकाला जाएगा। सऊदी मंत्री के अनुसार यह प्रोजेक्ट खनन कंपनी मादेन और अरामको संयुक्त तौर पर चला रही हैं। यूनिवर्सिटी ने लिथियम को निकालने के लिए नई तकनीक ईजाद की है। यह पायलट प्रोजेक्ट आगे भी जारी रहेगा। यह भी पढ़ें:अब फ्री में होगा कैंसर का इलाज! रूस ने दी खुशखबरी; नई वैक्सीन देगी कैंसर को मात आज दुनियाभर के देश जीवाश्म ईंधन से जुड़े वाहनों में लगातार कमी कर रहे हैं। आने वाले एक दशक में जीवाश्म ईंधन के बराबर ही लिथियम की डिमांड होगी। लिथियम को लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल, स्मार्टफोन और अन्य उपकरण बनाने में यूज किया जाता है। UAE की कंपनियां भी लगातार इस इलाके में लिथियम की खोज पर काम कर रही हैं। दुनिया के कई देशों में तकनीक के सहारे खारे पानी से लिथियम निकालने को लेकर काम चल रहा है।

सऊदी प्रिंस क्यों हैं चिंतित?

सऊदी मंत्री के अनुसार तेल इलाकों में खारे पानी से लिथियम निकालने पर काफी खर्चा होता है। अगर आने वाले समय में दुनियाभर में लिथियम की कीमतों में इजाफा हुआ तो इसका फायदा सऊदी अरब को मिलेगा। बता दें कि सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था पिछले कई दशक से सिर्फ तेल पर निर्भर है। सऊदी अरब खुद को इलेक्ट्रिक गाड़ियों का हब बनाने के लिए हर साल करोड़ों डॉलर खर्च कर रहा है। सऊदी प्रिंस को चिंता है कि अगर उनके देश का तेल भंडार खत्म हो गया तो अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी? इसलिए लिथियम के भंडार खोजे जा रहे हैं।


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