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कनाडा में नया बवाल, नाजी सैनिक का संसद में किया सम्मान, नाराज हुए भारत में रूस के राजदूत

Nazi Veteran Honoured Canada Parliament: कनाडा में नया बवाल सामने आया है। कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में एक पूर्व नाजी सैनिक का सम्मान किया गया। बाद में स्पीकर की ओर से सांसदों की इस हरकत पर माफी मांग ली गई। हालांकि इस पर भारत में रूस के एम्बेसडर खासे नाराज हो गए। रूस […]

Russian Envoy Denis Alipov Nazi Veteran Honoured Canada Parliament Oppostion Targets Justin Trudeau
Nazi Veteran Honoured Canada Parliament: कनाडा में नया बवाल सामने आया है। कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में एक पूर्व नाजी सैनिक का सम्मान किया गया। बाद में स्पीकर की ओर से सांसदों की इस हरकत पर माफी मांग ली गई। हालांकि इस पर भारत में रूस के एम्बेसडर खासे नाराज हो गए। रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कनाडा की संसद में एक पूर्व नाजी सैनिक को सम्मानित करने की हरकत को 'घृणित' बताया है। उन्होंने कहा कि इस अज्ञानता के लिए माफी मांगना भी हास्यास्पद है। दरअसल, अलीपोव ने एक्स पर अपने पोस्ट में कनाडा को यूक्रेनी नाजियों के लिए 'सुरक्षित पनाह' कहा था।

अलीपोव ने दिया बयान 

अलीपोव ने कहा- "कनाडा यूक्रेनी नाजियों के लिए एक सुरक्षित स्वर्ग रहा है। अज्ञानता के लिए माफी हास्यास्पद है। सांसदों का खड़े होकर तालियां बजाना सब कुछ बता देता है।" "भगवान का शुक्र है जेलेंस्की के दादाजी को यह नहीं दिखता कि उनका पोता क्या बन गया है।'' दरअसल, शुक्रवार को राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की यात्रा के दौरान कनाडा संसद में 98 साल के  यूक्रेनी अप्रवासी और नाजी आर्मी के सदस्य यारोस्लाव हुंका को युद्ध नायक के रूप में सम्मानित किए जाने के बाद ये पूरा विवाद खड़ा हुआ।

जस्टिन ट्रूडो भी रहे मौजूद

हालांकि कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष एंथनी रोटा ने कनाडा और दुनियाभर में यहूदी समुदायों से माफी मांग ली है। इससे पहले उन्होंने 22 सितंबर को कनाडाई संसद में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के संबोधन के दौरान गैलरी में दिग्गज की सराहना की। उन्होंने हुंका को 2 बार वॉर हीरो बताया। इस दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी संसद में मौजूद रहे।

रोटा ने दी सफाई

रोटा ने अब सफाई दी है। उन्होंने एक बयान में कहा- "शुक्रवार 22 सितंबर को यूक्रेन के राष्ट्रपति के संबोधन के बाद अपनी टिप्पणी में मैंने गैलरी में उन्हें पहचाना। बाद में मुझे अधिक जानकारी से उनके बारे में पता चला, जिससे मुझे अपने फैसले पर पछतावा हुआ।" मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि साथी सांसदों और यूक्रेन प्रतिनिधिमंडल सहित किसी को भी मेरे इरादे या मेरी टिप्पणियों के बारे में पहले पता नहीं था।'' इधर, कनाडा के विपक्ष ने सरकार को घेरा है। विपक्ष के नेता पियरे पोइलिवरे ने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की आलोचना की। उन्होंने इस मामले पर ट्रूडो से माफी की भी मांग की। एक्स पर पियरे पोइलिवरे ने कहा- "जस्टिन ट्रूडो ने व्यक्तिगत रूप से एसएस (एक नाजी डिवीजन) के 14 वें वेफेन ग्रेनेडियर डिवीजन के दिग्गज से मुलाकात कर उन्हें सम्मानित किया।'' ये भी पढ़ें: पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने वाली नूपुर शर्मा ने लगाए ‘जय श्री राम’ के नारे, आखिर क्या है मामला?

स्टैंडिंग ओवेशन से हैरान 

वहीं एक पोस्ट में फ्रेंड्स ऑफ साइमन विसेन्थल सेंटर ने कहा- " हम इस बात से हैरान हैं कि कनाडा की संसद ने एक यूक्रेनी दिग्गज को स्टैंडिंग ओवेशन दिया, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों और अन्य लोगों की सामूहिक हत्या में नाजी सैन्य इकाई में काम किया था।" कहा जाता है कि नाजियों या हिटलर की सेना ने वर्ल्ड वॉर-2 के दौरान 11 लाख से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। माना जाता है कि इनमें से ज्यादातर यहूदी ही थे। बता दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शुक्रवार को कनाडाई संसद को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की जीत के साथ रूस की आक्रामकता समाप्त होनी चाहिए। उन्होंने कीव को समर्थन देने के लिए कनाडा का धन्यवाद दिया। ये भी पढ़ें: 126 साल पहले नहीं था एक भी सिख, आज इंडिया से ज्यादा सांसद; कनाडा के खालिस्तानियों का गढ़ बनने की कहानी 


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