रूस-यूक्रेन से पहले लड़ी गई वो जंग, जो 335 साल चली, न फायरिंग हुई और न कोई मारा गया
Israel Hamas War
Worlds Largest War: दुनिया में इस समय 2 युद्ध चल रहे हैं। एक युद्ध 24 फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा है। दूसरा 7 अक्टूबर 2023 से इजराइल और हमास के बीच चल रहा है। इजराइल-हमास वॉर हूती विद्रोहियों की एंट्री के कारण समुद्र तक पहुंच गया है। हूती विद्रोहियों ने समुद्र के रास्ते इजराइल जाने वाले, आने वाले या इजराइल से किसी भी तरह संबंधित जहाजों को टारगेट करना शुरू कर दिया है, लेकिन दुनियाभर के देशों का मानना है कि अगर यह दोनों युद्ध् समय रहते खत्म नहीं हुए तो दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर पहुंच जाएगी। खैर जो भी हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों युद्ध से पहले भी दुनिया में कई युद्ध हुए, जिनमें से एक युद्ध तो करीब 335 साल चला। आइए ऐसे में 10 युद्धों की बात करते हैं...
नीदरलैंड और सिसिली आइलैंड वॉर
यह युद्ध 1651 से लेकर 1986 तक लड़ा गया और 17 अप्रैल 1986 में शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद खत्म हुआ। कॉर्नवॉल के पश्चिमी तट पर स्थित सिसिली और नीदरलैंड के बीच युद्ध 30 मार्च 1651 को शुरू हुआ था, लेकिन इसमें एक भी गोली नहीं चली। न कोई मारा गया और न ही किसी का खून बहा। इस युद्ध की वजह इंग्लिश सिविल वॉर था। युद्ध में डच लोगों ने ब्रिटेन के सांसदों की साइड ली। डच लोगों करा धोखा शाही लोगों को बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने डच लोगों को सबक सिखाने की सोची। उन्होंने इंग्लिश चैनल में समुद्री रास्तों पर रेड मारी और डच जहाजों को खदेड़ दिया। नौसेना सांसदों और शाही लोगों में बंट गई। इसका फायदा उठाकर डच लोगों ने 12 युद्धक जहाजों को सिसिली द्वीप पर भेजा, लेकिन समझौता नहीं हो पाया। डच एडमिरल मैर्टन ट्रॉमप ने 30 मार्च 1651 को जंग छेड़ दी, लेकिन इससे पहले की एक भी गोली चल पाती, सांसदों ने मामला शांत करवा दिया।
प्रथम विश्वयुद्ध
- पहली बार कोई युद्ध एशिया, यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका में लड़ा गया।
- 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ। 11 नवंबर 1918 तक, 4 साल 3 महीने 2 हफ्ते चला।
- युद्ध में 3.9 करोड़ लोग मारे गए। सबसे ज्यादा 13.50 लाख सैनिक अकेले जर्मनी के थे।
- रूस ने 12 लाख लोग खोए। जर्मनी, रूसी, ऑस्ट्रियन-हंगेरियन और ऑटोमन साम्राज्य खत्म हो गए।
- पहली बार लीग ऑफ नेशन्स जैसा विश्वव्यापी संगठन अस्तित्व में आया।
द्वितीय विश्वयुद्ध
- युद्ध में दुनियाभर के देशों ने खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया, जो विनाश का कारण बने।
- 1 सितंबर 1939 को जर्मनी के पोलैंड पर हमले के साथ शुरू हुआ युद्ध 2 सितंबर 1945 को खत्म हुआ।
- 6 साल चले युद्ध में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में अमेरिका ने परमाणु बम का इस्तेमाल किया।
- युद्ध यूरोप, एशिया, अमेरिका, अफ्रीका के सभी देशों में लड़ा गया। 7 करोड़ 30 लाख लोग मारे गए।
- युद्ध ने इटली, जापान और जर्मनी जैसे मजबूत देशों को विनाश की कगार पर खड़ा कर दिया।
वॉटरलू का युद्ध
- 1815 में लड़ा गया यह युद्ध सिर्फ एक दिन चला था।
- फ्रांस के महान योद्धा नेपोलियन का यह आखिरी युद्ध था।
- युद्ध में एक तरफ फ्रांस, दूसरी तरफ ब्रिटेन, रूस, प्रशा, ऑस्ट्रिया, हंगरी की सेना थी।
- युद्ध हारने के बाद नेपोलियन ने सरेंडर कर दिया। एक लाख लोग मारे गए थे।
कोरिया युद्ध
- कोरिया के बहाने दुनिया पर वर्चस्व स्थापित करने के लिए यह युद्ध लड़ा गया।
- उत्तर कोरिया की तरफ से चीन और रूस ने अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध में भाग लिया।
- दक्षिण कोरिया की ओर से अमेरिका और ब्रिटेन ने युद्ध में हिस्सा लिया
- 25 जून 1950 से 27 जुलाई 1953 तक 3 साल एक महीना 2 दिन युद्ध चला।
- 5 लाख सैनिक और 25 लाख लोग मारे गए। आज भी युद्ध अप्रत्यक्ष तौर पर चल रहा है।
अर्बेला(गौगामेला-निर्णायक) का युद्ध
- सिकंदर और फारस (ईरान) के राजा डेरियस उर्फ दारा की सेना में लड़ाई हुई।
- गौगामेला में हुई लड़ाई सबसे ज्यादा घातक रही, जिसमें लगभग 3 लाख ईरानी सैनिक मारे गए थे।
- युद्ध के कारण सिकंदर दुनिया में मशहूर हुआ। 40 हजार सैनिकों के साथ 3 लाख सैनिकों वाले ईरान को हरा दिया।
- युद्ध ने फारस के साम्राज्य को मिट्टी में मिला दिया।
वियतनाम युद्ध (दूसरा)
- प्रॉक्सी वॉर यानी छद्म युद्ध नवंबर 1955 से 30 अप्रैल 1975 तक, 19 साल 6 महीने चला।
- उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम के बीच लड़ा गया युद्ध वास्तव में रूस समर्थक उत्तरी कोरिया और अमेरिका में सीधी जंग था।
- अमेरिका के 4 लाख सैनिक और 4 लाख के करीब लोग मारे गए। युद्ध 4 देशों की धरती पर लड़ा गया।
- युद्ध में ऑपरेशन जंक्शन सिटी संयुक्त राज्य अमेरिका तथा वियतनाम गणतंत्र (दक्षिणी वियतनाम) द्वारा मिलकर 82 दिवसीय अभियान चलाया गया था।
ईरान-इराक युद्ध
- ईरान और इराक के बीच 1980-88 के बीच युद्ध लड़ा गया, जिसका कारण सीमा विवाद था, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला।
- 8 साल चले युद्ध में हजारों सैनिक मारे गए। इराक ने 400 मिलियन गैलन कच्चा तेल फारस की खाड़ी में बहा दिया था।
- युद्ध में न सिर्फ मानवीय और आर्थिक हानि हुई, बल्कि पर्यावरण को भी काफी हद तक नुकसान पहुंचाया गया था।
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