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क्या कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के 8 पूर्व सैनिकों को बचा पाएगी मोदी सरकार?

Qatar Indian Death Sentence Ex Navy Death Penalty:  कतर ने नौसेना के आठ पूर्व भारतीय सैनिकों को मौत की सजा सुनाई है। इस खबर के बाद से ही पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है।

Qatar Indian Death Sentence Ex Navy Death Penalty (Pic Credit- Google)
Qatar Indian Death Sentence Ex Navy Death Penalty:  कतर ने नौसेना के आठ पूर्व भारतीय सैनिकों को मौत की सजा सुनाई है। इस खबर के बाद से ही पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। भारत सरकार ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह हर कानूनी विकल्प के जरिए उनको बचाने की कोशिश करेगा। आठों भारतीयों को पिछले साल अगस्त में पकड़ा गया था और तब से वे जेल में ही बंद हैं। अब वहां की एक कोर्ट ने जासूसी मामले में उनको मौत की सजा सुना दी है। कोर्ट के इस फैसले से भारत और कतर के रिश्तों में गिरावट आ सकती है। बता दें कि कतर में करीब 8 लाख भारतीय रहते हैं।

ये हैं वे आठ भारतीय नौसेनिक

पिछले साल पकड़े गए भारतीय नौसेना के दिग्गजों में कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर संजीव गुप्ता, कैप्टन नवतेज गिल, कंमाडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन वीरेंद्र कुमार, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और सेलर रागेश शामिल हैं। इन आठो पूर्व भारतीय नौसेनिकों पर इजरायल के लिए जासूसी के आरोप लगे थे। इसके बाद इन्हें अरेस्ट कर जेल में डाल दिया गया। सभी भारतीय भारत की नौसेना में उच्चस्थ पदों पर रहें और करीब 20 साल तक देश की सेवा की।

इस कंपनी में काम करते थे नौसेनिक

जानकारी के अनुसार ये सभी पूर्व नौसेनिक कतर की एक कम्पनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलाॅजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम करते थे। ये कंपनी कतर के सशस्त्र बलों को अन्य सेवाएं प्रदान करती है। वहीं कंपनी के मालिक ओमान वायुसेना के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल आजमी है। इन सभी में खास बात यह है कि अजमी को भी इन्हीं भारतीयों के साथ पकड़ा गया था लेकिन उन्हें पिछले साल रिहा कर दिया गया था।

अब कौनसे विकल्प हैं शेष

कतर में सजा पाए आठों भारतीयों को भविष्य में कुछ राहत मिल सकती है। अगर वे कतर के ज्यूडिशियल सिस्टम के अनुसार अपील करते हैं। न्यूज एजेंसी राॅयटर्स के अनुसार मौत की सजा का सामना कर रहे आठों भारतीय अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं। अगर भारत चाहेगा तो इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट भी ले जा सकता है। वहीं भारत और कतर की सरकार आपस मे बात करके इस सजा को रूकवा सकते हैं।


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