जहां सोचा, वहीं कराई चंद्रयान-3 की लैंडिंग, अफ्रीका में पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों की बताई उपलब्धि
PM Modi in BRICS: दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिक्स देशों को संबोधित किया। उन्होंने पूर्ण सदस्यता के फैसले पर अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं को बधाई दी। साथ ही कहा कि भारत ने संगठन के विस्तार का हमेशा समर्थन किया है। इसके बाद पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बारे में बताया।
छह नए देशों का किया स्वागत
ब्रिक्स देशों के अन्य नेताओं की मौजूदगी में पीएम मोदी ने कहा कि भारत का हमेशा यही मानना रहा है कि नए सदस्यों को जोड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन किया है। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के सभी नए सदस्यों के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध हैं। भारत ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के भागीदार देशों के रूप में शामिल होने के इच्छुक अन्य देशों के लिए भी योगदान और मदद देगा।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि भारत ने अफ्रीका के साथ संबंधों को बेहद महत्व दिया है। हमने अफ्रीका में 16 नए मिशन खोले हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार और पांचवां सबसे बड़ा निवेशक है।
चंद्रयान-3 की सफलता को सराहा
इसके बाद पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणाी घ्रुव पर सफल लैंडिंग को लेकर बात की। पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता को भारत समेत पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों की उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि पहले तय लक्षित स्थान पर ही भारत के चंद्रयान ने लैंड किया है। उन्होंने वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुश्किल हालात और कठिन सतह पर चंद्रयान की लैंडिंग वैज्ञानिकों की एक बड़ी सफलता है।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने ये कहा
अपनी टिप्पणी में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के परिणामों की घोषणा की और कहा कि समूह का विस्तार किया जाएगा। रामफोसा ने कहा कि हम अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने के लिए एक समझौते पर हैं। ये सदस्यता जनवरी 2024 से लागू होगी।
ब्रिक्स का बताया भविष्य
उन्होंने कहा कि साल 2016 में भारत की अध्यक्षता के दौरान हमने ब्रिक्स को उत्तरदायी, समावेशी और सामूहिक समाधान के रूप में परिभाषित किया है। सात वर्षों के बाद हम कह सकते हैं कि ब्रिक्स भविष्य बाधाओं को तोड़ना, अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करना, नवाचार को प्रेरित करना, अवसरों का निर्माण करना और भविष्य को आकार देना होगा। उन्होंने कहा कि हम ब्रिक्स के सभी साझेदारों के साथ मिलकर इस नई परिभाषा को सार्थक बनाने में योगदान देना जारी रखेंगे।
दुनिया की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.