Imran Khan And Shah Mahmood Qureshi indicted in Cipher Case: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को सोमवार को बड़ा झटका लगा है। एक अदालत ने इमरान और शाह महमूद को साइफर केस में दोषी ठहराया है। इमरान और कुरैशी को इस मामले में 10 साल की सजा हो सकती है। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने कहा कि जनवरी में होने वाले चुनाव से पहले पूर्व क्रिकेट स्टार के लिए एक और बड़ा झटका है।
पीटीआई ने इमरान खान का पुराना वीडियो शेयर किया है। जिसमें इमरान खान कह रहे हैं कि जिस मुल्क के अंदर जंगल का कानून आ जाता है, जिस मुल्क के अंदर कमजोर के लिए कोई सुनने वाला नहीं होता है, वह मुल्क बर्बाद हो जाता है। अब सिर्फ एक ही रास्ता बाकी है कि साफ इलेक्शन करवाएं। इससे मुल्क को बर्बादी के दलदल से निकालने की फाइट शुरू होगी।
इमरान से गायब हुए थे गोपनीय दस्तावेज
साइफर केस एक राजनयिक दस्तावेज से संबंधित है जो कथित तौर पर इमरान के पास से गायब हो गया था। पीटीआई का आरोप है कि दस्तावेज में संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से इमरान को पद से हटाने की धमकी दी गई थी।पीटीआई प्रमुख को 5 अगस्त को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया और तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। आईएचसी ने 29 अगस्त को उनकी सजा निलंबित कर दी थी, लेकिन वह जेल में ही रहे, क्योंकि वह साइफर मामले में न्यायिक रिमांड पर थे।
30 सितंबर दाखिल हुआ था आरोप पत्र
30 सितंबर को संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने विशेष अदालत में एक आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें कुरैशी को साइफर मामले में मुख्य आरोपी बताया गया था। अदालत ने फैसला किया था कि दोनों पीटीआई नेताओं को 17 अक्टूबर को मामले में दोषी ठहराया जाएगा। हालांकि, पिछले हफ्ते अदालत ने आज सोमवार की सुनवाई तक अभियोग को टाल दिया था। सोमवार को विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुअल हसनत ज़ुल्कारनैन ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में सुनवाई की। जहां दोनों नेताओं को दोषी करार दिया गया।
हाईकोर्ट में दी जाएगी चुनौती
इस बीच, पीटीआई अध्यक्ष के वकील एडवोकेट उमैर नियाजी ने मीडिया को बताया कि उनके मुवक्किल ने अपराध से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इमरान ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सवाल उठाए थे। वकील ने पीटीआई अध्यक्ष के हवाले से कहा कि उनके खिलाफ साजिश रची गई, उनकी सरकार गिरा दी गई और बैठक के किसी मिनट पर सवाल नहीं उठाया गया।
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