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महाराष्ट्र के इस डॉक्टर की क्यों तारीफ कर रहा चीन? बिच्छू के जहर से जुड़ा है मामला

Padma Bhushan Dr. Himmatrao Bawaskar: चीनी शोधकर्ताओं ने महाराष्ट्र के डॉक्टर की तारीफों के पुल बांधे हैं। 74 साल के भारतीय डॉक्टर के योगदान को सराहते हुए चीन के शोधकर्ताओं ने उन्हें बड़ी उपलब्धि भारत के लिए बताया है। ये डॉक्टर मूल रूप से महाड़ के रहने वाले हैं।

Dr.Himmatrao Bawaskar
Dr. Himmatrao Bawaskar: चीन के शोधकर्ताओं ने एक भारतीय डॉक्टर की जमकर सराहना की है। ये डॉक्टर महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से 170 किलोमीटर दूर स्थित महाड के रहने वाले हैं। 74 साल के डॉ. हिम्मतराव बावस्कर को चीनी शोधकर्ताओं ने बड़ी उपलब्धि बताया है। पूरा मामला 40 साल पहले का है, जो बिच्छू के जहर से जुड़ा है। बावस्कर ने तब घातक लाल बिच्छू के डंक के इलाज के लिए खास तरह का एल्गोरिथ्म तैयार किया था। सीमित स्वास्थ्य सेवाओं के बावजूद उनकी उपलब्धि के लिए बावस्कर को पद्म भूषण भी 2022 में मिल चुका है। लेकिन उनकी तारीफों का सिलसिला रुका नहीं है। अब चीन के शोधकर्ताओं ने प्रशंसा कर उनकी खोज को शानदार बताया है।

लाल बिच्छ के जहर के कुछ ही घंटे में निकल जाता था दम

बता दें कि गुइझोउ विश्वविद्यालय में ग्रीन पेस्टिसाइड की राष्ट्रीय प्रमुख प्रयोगशाला बनाई गई है। वहां के शोधकर्ताओं ने बावस्कर की तारीफ की है। महाराष्ट्र के महाड और आसपास के इलाके को लाल बिच्छुओं (मेसोबुथस टैमुलस) का घर कहा जाता है। बात 1980 के दशक की है। जब इस इलाके में किसी को लाल बिच्छू काट लेता था तो उसकी कुछ ही घंटों में मौत हो जाती थी। इस दौरान बिच्छू के काटने की घटनाएं आम थीं। अब चीनी शोधकर्ताओं ने एक पत्र प्रकाशित कर उनकी प्रशंसा की है। जिसमें भारत में बिच्छू के काटने से होने वाली मौतें सिर्फ 1 फीसदी रहने का जिक्र किया गया है। यह भी पढ़ें:अली रजा कौन? गुरदासपुर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड, पाकिस्तान में गोलियों से भूना; ISI से था लिंक जिक्र है कि जब भारतीयों के पास जहरीले बिच्छू से बचने का कोई रास्ता नहीं था। न कोई दवा थी, न डॉक्टरों को कोई ज्ञान था। उस समय बावस्कर ने उपचार का रास्ता खोजा। इसके अलावा देशभर में बिच्छुओं के इलाज के संदर्भ में फ्री प्रचार किया। 1970-80 में बिच्छू के डंक से 40 फीसदी लोगों की मौत हो जाती थी। लेकिन उनकी खोज के बाद यह सिर्फ 1 फीसदी रह गई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने चीनी शोधकर्ताओं का धन्यवाद कर अपनी तारीफ को भारत के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने अपने बिच्छू शोध को चीन की मान्यता पर खुशी जाहिर की है। यह भी पढ़ें:भारत में हो सकता है कनाडा से चोरी हुआ 184 करोड़ का सोना! जांच में क्या-क्या आया सामने?


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