One Big Beautiful Law Update: अमेरिका में 'वन बिग ब्यूटीफुल' कानून लागू होने जा रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने बीते दिन अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बिल पर साइन करके इसे कानून बना दिया। यह कानून टैक्स और सरकार खर्च में कटौती के लिए बनाया गया है। बिल को पहले सीनेट ने पास किया, फिर विरोध के बावजूद बिल 218-214 के अंतर से अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में पास हुआ और 4 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति के सिग्नेचर के बाद बिल कानून बन गया। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस कानून को बड़ी जीत बताते हुए इसे अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद बताया है।
वन बिग ब्यूटीफुल कानून का असर?
1. डोनाल्ड ट्रंप का ‘वन बिग ब्यूटीफुल’ (OBBBA) कानून लागू होने के बाद अमेरिका में कई बड़े बदलाव होंगे। यह कानून अमेरिका की इकोनॉमिक, इमिग्रेशन और एनवायरनमेंटल पॉलिसी प्रभावित होगी।
2. इस कानून से अमेरिका को हर साल 8000 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन राष्ट्रीय कर्ज बढ़ सकता है। भारत समेत कई देशों और प्रवासी भारतीयों के जेब पर रेमिटेंस टैक्स लगने से बोझ पड़ेगा।
3. अमेरिका के टैक्स कट्स एंड जॉब्स एक्ट 2017 (TCJA) में इनकम और प्रॉपर्टी टैक्स में कटौती का प्रावधान है। कानून लागू होने के बाद इप कटौतियों को स्थायी रूप से लागू कर दिया जाएगा। इससे स्टैंडर्ड डिडक्शंस बढ़ेंगी। टैक्स ब्रैकेट्स कम होंगे।
4. कानून लागू होने के बाद अमेरिका से भारत, मैक्सिको, फिलीपींस समेत कई देशों में भेजे जाने वाले कैश, मनी ऑर्डर या कैशियर चेक पर 3.5% टैक्स लग जाएगा। इस टैक्स से अमेरिका को सालाना 8000 करोड़ मिलेंगे। इस टैक्स का असर प्रवासियों पर पड़ेगा।
5. कानून लागू होने के बाद अगले 10 साल में अमेरिका का कर्ज बढ़कर 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
6. कानून लागू होने से डिपोर्टेशन और बॉर्डर सिक्योरिटी पर भारी खर्च होग। मिलिट्री बजट बढ़ जाएगा, जिससे सैन्य ताकत और सुरक्षा मजबूत होगी।
7. ग्रीन कार्ड होल्डर्स, H-1B, H-2A वीजा धारकों और विदेशी छात्रों पर रेमिटेंस टैक्स लागू होगा, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति खराब हो सकती है।
8. जो बाइडेन के कार्यकाल में बने इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट 2022 (IRA) को ट्रंप का कानून लागू होने से झटका लगा है। बाइडेन के एक्ट में क्लीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए 370 बिलियन डॉलर के टैक्स क्रेडिट्स का प्रावधान है। ट्रंप के कानून से इनमें से कुछ प्रावधान खत्म हो जाएंगे। इसका नुकसान क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री उठाएगी।