ईरान की अली खामेनेई सरकार ने एक बार फिर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी को गिरफ्तार करके कोठरी में डाल दिया है. नरगिस के पति तागी राहमानी ने बताया कि सुरक्षाकर्मी ने उन्हें जबरन पकड़कर घसीटते हुए ले गए और अज्ञात ठिकाने पर ले जाकर बंद कर दिया. यह घटना साल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उनकी भूख हड़ताल के बाद मिली अस्थायी रिहाई के महज कुछ दिन बाद घटी है.
साल 2023 में मिला था नोबेल प्राइज
बता दें कि 52 वर्षीय नरगिस मोहम्मदी को साल 2023 में महिलाओं, बच्चों के अधिकारों और ईरान के 'महसा अमिनी' विरोधी आंदोलन के लिए नोबेल का शांति पुरस्कार मिला था. वहीं नरगिस साल 2010 से लगातार जेल में हैं, जहां उन्हें 100 से अधिक कोड़े भी मारे गए थे. क्योंकि नरगिस को पिछले साल मेडिकल ग्राउंड पर रिहा किया गया तो अब उन्हें गिरफ्तार क्यों किया गया है, इस पर खामेनेई सरकार ने चुप्पी साध ली है.
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श्रद्धांजलि सभा से हुई है गिरफ्तारी
मशहद के गवर्नर हसन होसैनी ने बताया कि 53 साल की मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस को दिवंगत मानवाधिकार वकील खोसरो अलीकोर्दी की मशहद में हुई श्रद्धांजलि सभा में गिरफ्तार किया गया है. उनके कई समर्थक और सोशल वर्कर्स भी हिरासत में लिए गए हैं, वहीं सभा में नरगिस बिना हिजाब पहने पहुंची थीं और उन्होंने भीड़ को संबोधित करते हुए नारे भी लगवाए थे. चर्चा है कि श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के कारण ही नरगिस को गिरफ्तार किया गया है. पिछली बार भी नरगिस को श्रद्धांजलि सभा में शिरकत करने पर ही गिरफ्तार किया गया था.
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सर्जरी के बाद खतरे में है जिंदगी
बता दें कि पिछले साल जेल में नरगिस को दिल का दौरा पड़ा था और उनकी हड्डी में गांठ भी मिली थी, जिसके चलते उनकी बड़ी सर्जरी भी हुई थी. वहीं डॉक्टरों ने उनको फिर से जेल में डालना उनकी जिंदगी के लिए खतरनाक बताया था, लेकिन बावजूद इसके वे जेल से बाहर आकर लोगों के हक की लड़ाई लड़ रही थीं और अपने इसी जुनून के चलते वे आज तक 13 बार गिरफ्तार हो चुकी हैं और जिंदगी के 36 साल जेल में बिता चुकी हैं. उन्हें नोबेल प्राइज भी जेल में होने के दौरान ही मिला था, जो उनके परिवार वालों ने रिसीव किया था.
नोबेल अवार्डी दूसरी ईरानी महिला
नरगिस मोहम्मदी ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और वैज्ञानिक हैं. शिरीन एबादी के बाद नोबेल पुरस्कार जीतने वाली ईरान की दूसरी महिला हैं. शिरीन को साल 2003 में और नरगिस को 20 साल बाद 2023 में नोबेल प्राइज मिला. वे नोबेल प्राइज जीतने वाली पूरी दुनिया में 19वीं महिला हैं. नरगिस को साल 2018 में आंद्रेई सखारोव अवार्ड भी मिला था, लेकिन साल 2016 में मृत्युदण्ड के उन्मूलन के लिए मानवाधिकार आंदोलन छेड़ने और इसके साल 16 साल की जेल की सजा काटने के साथ-साथ ईरान की महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए उन्हें नोबेल प्राइज दिया गया था.