TrendingHolika Dahan 2025Holi 2025Ramadan 2025IPL 2025Champions Trophy 2025WPL 2025Chandra Grahan 2025

---विज्ञापन---

Nobel Peace Prize: बेलारूस के एलेस बियालियात्स्की के साथ दो संस्थाओं ने जीता शांति का नोबेल

नई दिल्ली: शांति के नोबेल के विजेताओं के नामों की घोषणा कर दी गई है। इस बार बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की के साथ दो अन्य संस्थाओं को शांति के नोबेल के लिए चुना गया है। शांति का नोबेल जीतने वाली दोनों संस्थाएं रूस और यूक्रेन की हैं। इनमें यूक्रेन की संस्था सेंटर फॉर […]

नई दिल्ली: शांति के नोबेल के विजेताओं के नामों की घोषणा कर दी गई है। इस बार बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की के साथ दो अन्य संस्थाओं को शांति के नोबेल के लिए चुना गया है। शांति का नोबेल जीतने वाली दोनों संस्थाएं रूस और यूक्रेन की हैं। इनमें यूक्रेन की संस्था सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज और रूस की संस्था मेमोरियल शामिल हैं। बताया जा रहा है कि रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच दोनों संस्थाओं के अलावा एलेस ने शांति और लोकतंत्र की स्थापना के लिए नागरिक समाज के महत्व पर जोर दिया, जिसके लिए इन्हें ये पुरस्कार दिया गया है। बता दें कि नोबेल का शांति पुरस्कार उसे दिया जाता है जिसने दो देशों के बीच तनाव कम करने और शांति को बढ़ावा देने के लिए काम किया हो। अभी पढ़ें कैलिफोर्निया: भारतीय मूल के परिवार के अपहरण और हत्या के मामले में संदिग्ध गिरफ्तार, पहले भी की थी ऐसी ही वारदात बेलारूस के एलेस बियालियात्स्की 1980 के दशक में देश में लोकतंत्र आंदोलन को शुरू करने वालों में से एक हैं। उन्होंने लोकतंत्र और शांति को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। मानवाधिकार संगठन मेमोरियल ने रूस में राजनीतिक उत्पीड़न और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर सूचनाओं को जुटाया और व्यवस्थित किया है। वहीं, कीव में नागरिक स्वतंत्रता केंद्र यूक्रेन में मानवाधिकारों और लोकतंत्र को आगे बढ़ा रहा है। घोषणा में कहा गया है कि पुरस्कार विजेता अपने देश में नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं और कई वर्षों तक सत्ता की आलोचना करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के अधिकार को बढ़ावा देते रहे हैं। नोबेल की घोषणा में कहा गया है कि नोबेल शांति के विजेताओं ने युद्ध अपराधों, मानवाधिकारों के हनन और सत्ता के दुरुपयोग का दस्तावेजीकरण करने के लिए एक उत्कृष्ट प्रयास किया है। साथ में वे शांति और लोकतंत्र के लिए नागरिक समाज के महत्व को प्रदर्शित करते हैं। 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार पत्रकार मारिया रसा और दिमित्री मुराटोव को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के उनके प्रयासों के लिए दिया गया था। बता दें कि अब तक 102 लोगों या संस्थानों को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें से सिर्फ 18 महिलाएं हैं। अभी पढ़ें अमेरिका में अब गांजा रखना हुआ लीगल! बाइडन ने हजारों लोगों को जेल से रिहा करने का दिया आदेश

पांच सदस्यों की समिति चुनती है विजेता

बता दें कि नोबेल शांति के लिए नॉर्वे संसद के पांच सदस्यों की ओर से एक समिति का गठन किया जाता है जो विजेताओं का चुनाव करते हैं। यह पुरस्कार नॉर्वे के ओस्लो में दिया जाता है। इसके अलावा फिजिक्स, केमिस्ट्री, शरीर विज्ञान या चिकित्सा, साहित्य में नोबेल पुरस्कार और आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार स्वीडन के स्टॉकहोम में दिए जाते हैं।

इस तरह होता है विजेताओं का चयन

नॉर्वे संसद के पांच सदस्यों की ओर से बनाई गई समिति सितंबर में नॉमिनेशन प्राप्त करती है। 31 जनवरी तक नॉमिनेशन प्राप्त करने के बाद इसे समिति को भेजा जाता है। फिर मार्च से अप्रैल के बीच उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट किया जाता है। फिर इस आधार पर उनके नामों की लिस्टिंग की जाती है। मई से अगस्त महीने के बीच में एडवाइजर रिव्यू होता है। इसके बाद अक्टूबर में विजेता के नामों की घोषणा होती है। अभी पढ़ें  दुनिया से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.