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Nepal pm oath ceremony: ‘प्रचंड’ ने ली नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ

Nepal pm oath ceremony: सीपीएन-माओवादी सेंटर (सीपीएन-एमसी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने सोमवार शाम नेपाल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली समेत अन्य नेता मौजूद रहे। Pushpa Kamal Dahal 'Prachanda' […]

नेपाल के पीएम पद की शपथ लेते प्रचंड
Nepal pm oath ceremony: सीपीएन-माओवादी सेंटर (सीपीएन-एमसी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने सोमवार शाम नेपाल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली समेत अन्य नेता मौजूद रहे। और पढ़िए - नेपाल में ‘प्रचंड’ की हुकूमत: ढाई साल रहेंगे प्रधानमंत्री, कल लेंगे शपथ इससे पहले रविवार को प्रचंड और ओली की पार्टी के बीच एक समझौता पत्र तैयार किया गया था। राष्ट्रपति को सौंपे इस पत्र में रोटेशन के आधार पर प्रचंड और ओली को प्रधानमंत्री बनाने पर सहमति होने की बात बताई गई थी। बता दें समझौते के अनुसार ढाई साल के लिए प्रचंड पीएम होंगे और उसके बाद ढाई साल के लिए ओली प्रधानमंत्री बनेंगे। ओली अपनी मांग के अनुसार प्रचंड को पहले प्रधानमंत्री बनाने पर सहमत हुए। नए गठबंधन को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सांसदों का समर्थन हासिल हुआ है।

ऐसे पलटी बाजी

इससे पहले नेपाली कांग्रेस के नेता और मौजूदा पीएम शेर बहादुर देउबा ही दोबारा पीएम बनने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन राजनीति के माहिर खिलाड़ी रहे प्रचंड ने यह बाजी पलट दी। रविवार को प्रचंड ने राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का जो दावा पेश किया है उसमें सीपीएन-यूएमएल के 78, सीपीएन-एमसी के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के छह और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के तीन सदस्य का समर्थन शामिल है। सरकार बनाने का दावा करने वाले पत्र पर 165 सांसदों के हस्ताक्षर थे। और पढ़िए - Paris: पेरिस में पुलिस और कुर्दिश प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, जानें क्या है मामला

तीसरी बार पीएम होंगे प्रचंड

68-वर्षीय ‘प्रचंड’ को तीसरी बार नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। ग्यारह दिसंबर, 1954 को पोखरा के निकट कास्की जिले के धिकुरपोखरी में प्रचंड का जन्म हुआ था। साल 1996 से 2006 तक उन्होंने सशस्त्र संघर्ष का नेतृत्व किया था। और पढ़िए -  दुनिया से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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