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Gen-Z प्रदर्शन का मानसरोवर यात्रा पर असर, तिब्बत में फंसे तीर्थयात्रियों को मिली भारतीय दूतावास से नई एडवाइजरी

Nepal Protest News: नेपाल के मौजूदा हालातों को मद्देनजर रखते हुए चीन में स्थित भारतीय दूतावास ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में फंसे भारतीयों को जरूरी सलाह दी है। ये लोग प्राइवेट ऑपरेटरों की मदद से कैलाश यात्रा के लिए आने वाले लोग है। उनके लिए इमरजेंसी नंबर्स भी जारी किए गए हैं।

Nepal Protest News: नेपाल के हालात इस समय बेहद नाजुक बने हुए हैं। जेन-जी प्रदर्शन का असर भारत पर भी पड़ रहा है। इस बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए लोग, जो तिब्बत में फंस गए हैं, उनके लिए नई एडवाइजरी जारी की गई है। बीजिंग में भारतीय दुतावास ने नेपाल के माध्यम से प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स द्वारा आयोजित कैलाश यात्रा के दौरान तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र में फंसे लोगों को अहम सलाह दी है।

भारतीय दुतावास ने जारी किए निर्देश

चीन में मौजूद भारतीय दुतावास ने फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निर्देशों का पालन करने के लिए कहा हैं। दरअसल, नए निर्देश नेपाल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए जारी किया गया है। इसमें हेल्पलाइन नंबर और आपात नंबर भी शामिल है। दूतावास ने कहा कि अत्यधिक ऊंचाई और कठिन भूभाग को देखते हुए यात्रियों को अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए जरूरी सतर्कता बरतनी चाहिए। साथ ही नागरिकों को स्थानीय प्रशासन की सलाह मानने और बीजिंग तथा काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है।

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घबराएं नहीं रहें सतर्क

बीजिंग में भारतीय दूतावास ने इन यात्रियों को नेपाल के अस्थिर हालातों के देखते हुए लोगों से शांति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। तिब्बत ऊंचाई पर है, वहां ऑक्सीजन कम होती है, इसलिए यात्रियों को अपने स्वास्थ्य पर खास ध्यान रखने की जरूरत है। स्थानीय प्रशासन से जो भी निर्देश दिए जाएं, उनका पालन करें। दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी दिए हैं, जिन पर कॉल या व्हाट्सएप करके उनसे मदद ली जा सकती है।

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जरूरत पड़ने पर हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें

दूतावास ने परामर्श दिया है कि सहायता के लिए आवश्यकता पड़ते ही भारतीय नागरिक दूतावास से संपर्क करें। नागरिकों को हेल्पलाइन चैनलों के माध्यम से बीजिंग के भारतीय दूतावास और काठमांडू दूतावास से संपर्क करने की सलाह दी गई है। नेपाल में मौजूदा हालात ऐसे हैं कि जेन-जी विरोध प्रदर्शन के चलते मंत्रियों ने, पीएम और राष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया है। इस विरोध में अबतक 30 लोगों की मौत भी हो चुकी है।

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