अंतरिक्ष की दुनिया में आजकल इंसानों की काफी भीड़ हो गई। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन सालों से वहां काम कर रहा है। अमेरिका के अलावा कई देशों के स्पेस स्टेशन वहां हैं। कई स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में घूम रहे हैं। अंतरिक्षयात्री कई-कई दिन, महीने और साल अंतरिक्ष में रहते हैं, इसलिए अंतरिक्ष में कूड़े कचरे की भरमार हो गई है।
इस बीच एक सवाल मानव मल को लेकर है कि अंतरिक्ष में मानव मल, मूत्र आदि का क्या होता है? इस सवाल का जवाब री-साइकलिंग है, लेकिन इन चीजों को री-साइकिल कैसे किया जाए? इसका सुझाव अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) ने भावी वैज्ञानिकों से मांगा है। उन स्टूडेंट्स से मांगा है, जो भविष्य में अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहते हैं।
लूना री-साइकिल चैलेंज के तहत होगी प्रतियोगिता
नासा एक प्रतियोगिता कराने जा रही है, जिसे जीतने वाले को 30 लाख रुपये कैश इनाम मिलेगा। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वालों को मानव मल, मूत्र को री-साइकिल करने का तरीका बताना है। लूना री-साइकिल चैलेंज के तहत यह प्रतियोगिता कराई जा रही है। अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ऐसी तकनीक विकसित करने की अपील की है, जो चंद्रमा पर या लंबी अंतरिक्ष उड़ानों के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के मल, मूत्र और उल्टी को री-साइकिल कर सके।
जीतने वाले की टेक्नोलॉजी मिशन में की जाएगी इस्तेमाल
नासा से मिले अपडेट के अनुसार, अपोलो मिशन के तहत चंद्रमा पर गए स्पेस्क्राफ्ट में 96 बैग मानव अपशिष्ट के हैं। प्रतियोगिता का लक्ष्य अंतरिक्ष में बढ़ती गंदगी को बढ़ाए बिना अपशिष्ट को संभालने का तरीका खोजना है। जिसका तरीका सबसे ज्यादा कारगर साबित होगा, वह विजेता होगा और उसकी टेक्नोलॉजी को भविष्य के स्पेस मिशन में किया जाएगा।
जैसे-जैसे भविष्य के मानव अंतरिक्ष मिशनों की तैयारी चल रही है, इस बात पर भी विचार करने की आवश्यकता होगी कि ठोस अपशिष्ट को कैसे कम किया जा सकता है? साथ ही साथ अंतरिक्ष के वातावरण में अपशिष्ट को कैसे कम किया जाए, ताकि बहुत कम या कोई अपशिष्ट पृथ्वी पर वापस न आए।
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