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Marburg virus: अलर्ट! कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है ये वायरस, इस देश में एक साथ इतने मरीजों की हुई मौत

Marburg virus: दुनिया में अभी भी कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। चीन, जापान और मध्य युरोपीय देशों में अभी भी इस वायरस के मरीज सामने आ रहे हैं। इन सबके बीच अफ्रीका के इक्टोरियल गिन्नी में इबोला जैसे लक्षणों वाले मारबर्ग वायरस की पहचान हुई है। इस वायरस के कारण अब तक 9 लोगों की […]

Marburg virus: दुनिया में अभी भी कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। चीन, जापान और मध्य युरोपीय देशों में अभी भी इस वायरस के मरीज सामने आ रहे हैं। इन सबके बीच अफ्रीका के इक्टोरियल गिन्नी में इबोला जैसे लक्षणों वाले मारबर्ग वायरस की पहचान हुई है। इस वायरस के कारण अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है।

क्या है मारबर्ग वायरस 

पहली बार इस वायरस की पहचान 1967 में की गई थी। यह वायरस जर्मनी के दो शहरों मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट के साथ युगोस्लाविया की राजधानी बेलग्रेड में एक साथ फैला था। विशेषज्ञों की मानें तो मारबर्ग और इबोला दोनों वायरस फिलोविरिडे परिवार के सदस्य हैं। मारबर्ग वायरस से पीड़ित व्यक्ति को को शीघ्र उपचार की आवश्यकता होती है। अगर पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र उपचार नहीं मिलता है तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है। और पढ़िए –Turkey-Syria earthquake: मरने वालों की संख्या 46,000 के पार, 13 दिन बाद मलबे से जिंदा निकले 3 लोग इबोला की तरह मारबर्ग वायरस चमगादड़ों में उत्पन्न होता है। यह अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित लोगों के शारीरिक तरल पदार्थ, सतहों जैसे दूषित चादरें या कपड़े के निकट संपर्क के माध्यम से लोगों के बीच फैलता है।

मारबर्ग वायरस के लक्षण 

मारबर्ग वायरस के कारण होने वाली बीमारी में अचानक तेज बुखार, सिरदर्द और गंभीर अस्वस्थता के साथ शुरू होती है। कई पेशेंट में सात दिनों के अंदर  गंभीर रक्तस्रावी लक्षण विकसित हो जाते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो इसके कुछ दूसरे लक्षण भी हैं जिसमें ठंड लगना, बेचैनी, सीने पर लाल रैशेज, जी मिचलाना, उल्टी, सीने में दर्द, गले में सूजन, पेट दर्द  शामिल है। गिन्नी के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए एनटेम प्रांत और मोंगोमो के पड़ोसी जिले में तालाबंदी कर दी गई है। अफ्रीका के अन्य हिस्सों में अंगोला, डीआर कांगो, गिनी, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और युगांडा में पिछले प्रकोप और छिटपुट मामले सामने आए हैं। घाना ने पिछले साल मारबर्ग वायरस से हुई दो मौतों की जानकारी दी थी। और पढ़िए –Spy Balloon Row: ‘फिर कभी ये नहीं होना चाहिए…’, अमेरिका ने चीन को दी चेतावनी

यह है बचाव और इलाज

वायरस के इलाज के लिए स्वीकृत कोई टीका या एंटीवायरल उपचार नहीं है। इस वायरस से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल करें, ग्लव्स पहलें, अगर किसी को ये वायरस हो भी जाए तो उसे आइसोलेट करें, ठीक उसी तरह जैसे कोरोना के समय पर किया जाता था। Disclaimer: संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है। न्यूज24 इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि इसके बारे में चिकित्सीय सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है। और पढ़िए - दुनिया से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें

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