किम जोंग उन की पुश्तैनी शाही ट्रेन; पूरी गाड़ी बुलेटप्रूफ, अंदर की खासियत जानकर हैरान हो जाएंगे
Kim Jong Un Luxurious Bulletproof Private Train: नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन रूस दौरे पर हैं। मंगलवार को वे रूस की राजधानी मास्को पहुंचे। किम जोंग उन इस बार भी नॉर्थ कोरिया से मास्को तक का सफर अपने लग्जरी पुश्तैनी ट्रेन से ही पूरा किया। बता दें कि आज किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हो सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से मास्को की दूरी करीब 1200 किलोमीटर है। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह की ट्रेन ने ये दूरी करीब 20 घंटे में पूरी की। किम जोंग उन ने इससे पहले मार्च 2018 में ट्रेन से चीन गए थे। इसके बाद 2019 जनवरी में अपने लग्जरी ट्रेन से 60 घंटे की जर्नी पूरी की थी। वे नॉर्थ कोरिया से वियतनाम के डोंग डैंग शहर पहुंचे थे। चीन और वियतनाम के अलावा वे कई देशों का दौरा कर चुके हैं, जहां वे प्राइवेट जेट या फिर प्लेन से गए हैं।
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह की ट्रेन वाली यात्रा काफी चर्चा में होती है। जब वे किसी दूसरे देश के दौरे पर ट्रेन से निकलते हैं, तो उनके ट्रेन की भी काफी चर्चा होती है। बता दें कि उत्तर कोरियाई नेताओं के बीच लंबे समय से चली आ रही परंपरा के अनुरूप किम धीमी गति से चलने वाले लोकोमोटिव ट्रेन के जरिए यात्रा करते हैं।
किम जिस ट्रेन में यात्रा करते हैं, उसमें कभी उनके पिता और दादा भी यात्रा करते थे। ट्रेन पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है। इसमें वो तमाम सुविधाएं हैं, जो किसी लग्जरी प्लेन में होती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रेन में एक शानदार रेस्तरां है जिसमें बढ़िया फ्रांसीसी वाइन और ताजा व्यंजन परोसे जाते हैं। बता दें कि किम जोंग उन का पसंदीदा खाना झींगा मछली है।
ट्रेन की रफ्तार ऐसी कि साधारण बाइक भी आगे निकल जाए
किम जोंग उन की ट्रेन की रफ्तार ऐसी है कि साधारण बाइक भी उससे आगे निकल जाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारी बख्तरबंद सुरक्षा के कारण ट्रेन लगभग 50 किमी/घंटा (31 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से चलती है। हालांकि इसकी तुलना लंदन की हाई-स्पीड ट्रेन से की जाती है, जो लगभग 200 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है।
तानाशाह के लग्जरी ट्रेन को 'ताईयांघो' नाम दिया गया है, जो कोरियाई शब्द है। बताया जाता है कि ट्रेन के जरिए लंबी दूरी की यात्रा की परंपरा किम जोंग उन के दादा किम इल सुंग ने शुरू की थी। उस दौरान सुंग ने ट्रेन से वियतनाम और पूर्वी यूरोप की यात्रा की थी। कहा जाता है कि किम जोंग उन की शानदार ट्रेनों पर सुरक्षा एजेंटों की कड़ी निगरानी होती है। वे बम और अन्य खतरों के लिए मार्गों और आगामी स्टेशनों को स्कैन करते हैं।
तानाशाह के पिता की ट्रेन में ही हुई थी मृत्यु
सुंग के अलावा किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल भी इसी ट्रेन का यूज करते थे। उन्होंने 1994 से 2011 में अपनी मृत्यु तक उत्तर कोरिया पर शासन किया। कहा जाता है कि किम जोंग इल को प्लेन फोबिया था। किम जोंग इल को 2001 में पुतिन के साथ बैठक करने के लिए मॉस्को पहुंचने में 10 दिन लगे थे। उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया के मुताबिक, किम जोंग इल की 2011 में ट्रेन में यात्रा करते समय दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई।
नवंबर 2009 में रूढ़िवादी दक्षिण कोरियाई चोसुन इल्बो ने बताया कि बख्तरबंद ट्रेन में लगभग 90 गाड़ियां सवार होती थीं। पीली पट्टी वाली हरे रंग की इस ट्रेन में कॉन्फ्रेंस रूम, ऑडियंस रूम और बेडरूम हैं। ट्रेन में ब्रीफिंग के लिए सैटेलाइट फोन और फ्लैट स्क्रीन टेलीविजन भी लगाए गए हैं।
बुलेटप्रूफ टेन में ये सुविधाएं भी हैं मौजूद
नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग-उन की ट्रेन में हमले के हथियारों का जखीरा, भागने के लिए एक हेलीकॉप्टर भी मौजूद है। पूरी ट्रेन में 90 कोच हैं और सभी की खिड़कियों पर काले शीशे लगे हैं, ताकि अंदर कौन कहां बैठा है, इसकी किसी को जानकारी न हो। सियोल के मंत्रालय के मुताबिक, किम जोंग उन की ट्रेन 'चलते किले' के नाम से मशहूर है। बता दें कि 2011 में सत्ता संभालने के बाद से, किम जोंग उन ने 7 अंतरराष्ट्रीय यात्राएं की हैं और अपनी अधिकांश विदेशी यात्राओं के लिए अपनी विशेष ट्रेन का उपयोग करते हैं।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.