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Israel-Palestine War : क्या होता है व्हाइट फास्फोरस, जिसके इस्तेमाल को लेकर इजरायल पर लगे हैं गंभीर आरोप

Israel-Palestine War : मानवाधिकार संगठन 'ह्यूमन राइट्स वॉच' ने युद्ध में इजरायल पर व्हाइट फास्फोरस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बता दें कि व्हाइट फास्फोरस, अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ है, जो हवा के संपर्क में आने पर उससे रिएक्ट करके प्रज्वलित हो जाता है, जिससे आग की लपटें पैदा होती हैं। ये लपटें 1499°F जितनी गर्मी पैदा करती हैं।

Israel faces serious allegations on regarding use of White Phosphorus
Israel-Palestine War : इजरायल-फिलीस्तीन युद्ध में दोनों ओर से रॉकेट दागे जा रहे हैं। इजरायल लगातार गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर अटैक कर रहा है। इस बीच मानवाधिकार संगठन 'ह्यूमन राइट्स वॉच' ने युद्ध में इजरायल पर व्हाइट फास्फोरस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

इजरायल पर गंभीर आरोप

ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि इजरायल ने गाजा और लेबनान में अपने सैन्य अभियानों के दौरान इस रसायन का इस्तेमाल किया है। एचआरडब्ल्यू के मुताबिक, उसने 10 और 11 अक्टूबर को लिए गए कुछ वीडियो की जांच की है, जिससे पता चलता है कि व्हाइट फास्फोरस को तोपखाने की मदद से कई बार हवा में दागा गया था। संगठन ने अपने बयान में कहा है कि यहां व्हाइट फास्फोरस के इस्तेमाल से आम लोगों के लिए खतरा काफी बढ़ गया है। एचआरडब्ल्यू ने यह भी कहा कि आम लोगों को अनावश्यक जोखिम में डालना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन है। यह भी पढ़ें - हमास आतंकियों ने म्यूजिक फेस्टिवल के बाथरूम पर चलाई गोलियां, देखें वीडियो

क्या है व्हाइट फास्फोरस ?

व्हाइट फास्फोरस, अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ है, जो हवा के संपर्क में आने पर, उससे रिएक्ट करके प्रज्वलित हो जाता है, जिससे आग की लपटें पैदा होती हैं। ये लपटें 1499°F जितनी गर्मी पैदा करती हैं। वहीं इससे निकलने वाला भयंकर धुंआ, सेनाओं के लिए एक बाधा पैदा कर सकता है। बता दें कि व्हाइट फास्फोरस, फॉस्फेट पत्थरों से बना एक सिंथेटिक पदार्थ है। यह काफी ज्वलनशील है, यह वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर जल जाता है।

बुझने तक जलता रहता है रसायन 

जब ज्वलनशील हथियार के रूप में इसका उपयोग किया जाता है, तो यह तीव्र गर्मी और आग पैदा करता है और बुझने तक जलता रहता है। इसके लिए, उसे ऑक्सीजन की जरूरत होती है। यह वसा में काफी घुलनशील होता है इसलिए अगर यह किसी इंसान पर गिर जाए तो गंभीर रूप से जल जाता है। मांस की परत जल जाती है। त्वचा के माध्यम से रक्त प्रवाह के साथ मिलकर यह अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। व्हाइट फास्फोरस के कारण मांसपेशियों के टिशू प्रभावित हो सकते हैं और पीड़ित विकलांग हो सकता है। फॉस्फोरस बम की आग पानी से नहीं बुझती। इसके लिए रेत छिड़कने जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। यह भी पढ़ें - यूक्रेन को मझधार में छोड़ा, आखिर इजराइल की कब तक और कैसे मदद करेगा अमेरिका?

आने वाली पीढ़ियों पर भी दिखता है असर

बता दें कि व्हाइट फॉस्फोरस एक रासायनिक तत्व है, जिसका परमाणु क्रमांक 15 और प्रतीक P है।फॉस्फोरस एक ऐसा तत्व है, जो किसी भी परिस्थिति में पर्यावरण में स्वतंत्र रूप से नहीं मिलता। इसी अधातु (Non-Metal) के माध्यम से उर्वरकों का निर्माण किया जाता है, जिसका असर आने वाली पीढ़ियों पर भी देखने को मिलता है।

व्हाइट फॉस्फोरस पर है प्रतिबंध

व्हाइट फॉस्फोरस का इस्तेमाल युद्धों में दुश्मन को लक्ष्य बनाने या बंकरों और इमारतों को जलाने के लिए धुआं पैदा करने के लिए युद्ध सामग्री के रूप में किया जाता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल आम लोगों पर नहीं किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र का सीसीडब्ल्यू कन्वेंशन इस प्रकार के हथियारों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाता है। इसके अलावा, ऐसी कई युद्ध सामग्रियां हैं, जिनका उपयोग सीमित सैन्य उद्देश्यों के लिए तो किया जा सकता है, लेकिन आम लोगों पर नहीं किया जा सकता है। बता दें इजरायल ने इस प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जिस वजह से ह्यूमन राइट्स वॉच ने उस पर, गाजा और लेबनान में अपने सैन्य अभियानों के दौरान इस रसायन का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए हैं।


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