Israel Iran War Impact: ईरान और इजरायल एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। दोनों के बीच लंबे समय से तकरार चल रही है, जिसने अब जंग का रूप ले लिया है। जी हां, ईरान और इजरायल के बीच 2 दिन से जंग छिड़ी हुई है, क्योंकि इजरायल और अमेरिका नहीं चाहते कि ईरान परमाणु हथियार बनाए। हालांकि इस बार छिड़ी जंग में अमेरिका ने इजरायल का साथ नहीं देने का दावा किया है, लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि अमेरिका और इजरायल दोनों अच्छे दोस्त हैं।
2 दिन से इजरायल मिसाइल और ड्रोन अटैक करके ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले कर रहा है। इजरायल ने चेतावनी दी है कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे। ईरान के साथ जंग लंबी चल सकती है। इजरायल के दावे से भारत की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि ईरान और इजरायल दोनों के साथ भारत के अच्छे रिश्ते हैं। दोनों देशों से भारत व्यापार करता है। जंग छिड़ने से भारत में आयात और निर्यात पर काफी असर पड़ेगा। भारत को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
तेल के दामों में लग सकती है आग
बता दें कि इजराइल और ईरान के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं। भारत और ईरान कई उत्पादों का बिजनेस करता है। भारत से ईरान को कृषि उत्पाद, मीट, स्किम्ड मिल्क, छाछ, घी, प्याज, लहसुन और डिब्बाबंद सब्जियां मिलती हैं। ईरान से भारत को तेल, मिथाइल अल्कोहल, पेट्रोलियम पदार्थ, खजूर और बादाम मिलता है। अगर ईरान और इजरायल में जंग छिड़ी तो ईरान के रास्ते आने वाले तेल की सप्लाई पर असर पड़ेगा। ईरान के रास्ते होने वाले सभी तरह के व्यापार प्रभावित होंगे। आयात-निर्यात होने वाली चीजों के दाम बढ़ सकते हैं। क्योंकि दोनों देशों से भारत के अच्छे संबंध हैं, इसलिए ईरान-इजरायल युद्ध में भारत न्यूट्रल रहेगा। न्यूट्रल बयान जारी करेगा।
भारत पर प्रभाव इन मामलों में भी देखा जाएगा...
प्रवास: भारत के लाखों नागरिक रहकर ईरान और इजरायल में आजीविका कमा रहे हैं। युद्ध अगर फैला तो इनके जान माल को खतरा होगा।
ईंधन: भारत और ईरान के बीच भारी मात्रा में ऊर्जा का आयात होता है, जिसकी कीमत बढ़ने की संभावना है।
समुद्री व्यापार: शिपिंग में बाधाएं आ सकती हैं, क्योंकि खतरे से बचने के लिए जहाजी बेड़े बड़े रूट लेने को तैयार हो जाएंगे।
विमान सेवाएं: एयरस्पेस बंद होने और लंबा रूट अपनाने से उड़ानों में बाधा आएगी। ज्यादा ईंधन की खपत होगी और यात्राएं ज्यादा खर्चीली साबित होंगीं।