Israel Hamas War Ceasefire Resolution in UNGA: यूएन में रविवार को गाजा में सीजफायर को लेकर लाया गया प्रस्ताव पारित हो गया। भारत ने इसमें हिस्सा लिया और सीजफायर प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। भारत समेत 153 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। जबकि अमेरिका, इज़राइल और ऑस्ट्रिया सहित 10 ने विरोध में मतदान किया और अर्जेंटीना, यूक्रेन और जर्मनी सहित 23 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रूचिरा कंबोज ने कहा कि 7 अक्टूबर को इजरायल में एक आतंकवादी हमला हुआ। जिसमें कई लोगों की जान गई। फिलहाल इजराइल में भारी मानवीय संकट है। जानकारी के अनुसार प्रस्ताव में सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के साथ ही सीजफायर करने मांग की गई है। रूचिरा कंबोज ने कहा कि 7 अक्टूबर को इजराइल में हुए हमले के बाद उन्हें बंधक बनाए गए लोगों की चिंता है। इस युद्ध के कारण बड़े स्तर पर मानवीय जीवन को हानि हो रही है। युद्ध से महिलाओं और बच्चों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
बाइडेन बोले- इजराइल ग्लोबल सपोर्ट खो रहा
इधर जो बाइडेन ने इजरायल के पीएम नेतन्याहू को चेतावनी देते हुए कहा कि गाजा में लगातार हमले के कारण इजराइल ग्लोबल सपोर्ट खो रहा है। उन्हें युद्ध को लेकर अपने रुख में बदलाव करना चाहिए। इधर नेतन्याहू ने माना कि उनके कुछ मुद्दों को लेकर अमेरिका से खटपट है। अमरीकी रक्षा मंत्री लाॅयड ऑस्टिन जल्द ही इजराइल का दौरा कर सकते हैं।
हमारे बीच मतभेद है- नेतन्याहू
नेतन्याहू ने कहा कि जंग के बाद बने हालातों को लेकर अमेरिका और इजराइल के बीच मतभेद है। लेकिन नेतन्याहू ने कहा कि 1990 के दशक में ओस्ली अकाॅर्ड वाली गलती को पुनः नहीं दोहराना चाहते है। भले ही अमेरिका से कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं है लेकिन हम उनके शुक्रगुजार हैं। हमनें ग्राउंड ऑपरेशन का फैसला काफी सोच समझकर लिया था। अब यह ऑपरेशन हमास के खात्मे के साथ ही खत्म होगा। वहीं बंधकों की रिहाई को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ चीजें चल रही है जल्द ही उसे सबको बताया जाएगा।
इजराइल के प्रधानमंत्री ने अमेरिका की चिंताओं को दरकिनार करते हुए कहा कि हम कैसे जंग को खत्म कर सकते हैं। हमारे नागरिकों ने कुर्बानियां दी हैं। हैवानियत करने वाले लोगों को मारने के बाद ही हम इस मुद्दे पर विचार करेंगे।