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Ground Report: इजराइल-हमास के बीच वजूद की लड़ाई और भड़केगी या होगा अंत, तीसरे विश्वयुद्ध की आहट तो नहीं?

Israel Hamas War Ground Report: अब तक सिर्फ कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अब शुरू हो गया है वह युद्ध जो कराएगा विश्वयुद्ध, क्योंकि नेतन्याहू ने हमास के साथ-साथ फिलीपींस को भी तबाह करने की कसम खा ली है।

Israel Hamas War (File Photo)
Israel Hamas War Ground Report: 7 अक्टूबर के बाद से भले ही नेतन्याहू की सेना ने गाजा में हमास को रौंद डाला हो, लेकिन धमाकों ने गाजा को कब्रिस्तान बना दिया है। तबाही की यह आंधी कुछ भी नहीं है। विनाश का असली तूफान तो आना अभी बाकी है। बारूद का सबसे बड़ा बवंडर अभी आने वाला है। जिसका डर था, वही हुआ। जो नहीं होना चाहिए था, वह हो गया...अब यह युद्ध विश्वयुद्ध कराएगा। बारूद की ढेर पर बैठी दुनिया, अब खतरे में है, यह सब अब तक सिर्फ आशंकाए थीं। अब तक सिर्फ कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अब शुरू हो गया है वह युद्ध जो कराएगा विश्वयुद्ध, क्योंकि नेतन्याहू ने हमास के साथ-साथ फिलीपींस को भी तबाह करने की कसम खा ली है।

इजराइल गाजा पर अपना कब्जा रखना चाहता

न्यूज 24 की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू लगातार कह रहे हैं कि इजराइल गाजा पर पूरा नियंत्रण हासिल करके ही दम लेगा। इसका मतलब साफ है कि इजराइल अब गाजा पट्टी पर अपना एडमिनिस्ट्रेशन रखना चाहता है, ताकि आगे कोई आतंकी गुट न पनप सके, यानी करीब 41 किलोमीटर के इलाके पर इजराइली कंट्रोल होगा, लेकिन इजराइल हमास की जंग ने दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध की ओर धकेलना शुरू कर दिया है। पूरी दुनिया 2 धंड़ों में बंट गई है। ऐसे में अगर जंग में हालात नहीं सुधरे तो फिर दुनिया के कई देश इस जंग में कूद जाएंगे। ऐसे में तीसरा विश्वयुद्ध तय समझिए।  

गाजा में इजराइल सेना मचा रही खूब तबाही

वहीं इजराइल लगातार गाजा पट्टी में हमास के आतंकियों के खिलाफ हमलावर है। गाजा की धरती हर बीतते दिन के साथ मिसाइलों से दहल रही है। इजराइली ने गाजा को दो टुकड़ों उत्तरी और दक्षिण गाजा में बांट दिया है। इजराइली सेना ने गाजा को चारों ओर से घेर रखा है। इजराइली ग्राउंड फोर्स गाजा में घुस गई है, जिसने हमास के कई ठिकानों को तबाह कर दिया है। आसमान से फाइटर जेट्स बम बरसा रहे हैं। जमीन से पैदल सैनिक और टैंक कहर बरपा रहे हैं। समंदर से इजराइल की सेना और पुलिस की पूरी नजर है, जहां कई जगहों पर समुद्री सीमा को सील कर दिया गया है, यानी कुल मिलाकर गाजा में नेतन्याहू की सेना ने आतंक मचाया हुआ है, जिससे हमास का बच पाना नामुमकिन नजर आने लगा है।

हमास का खात्मा किए बिना सीजफायर नहीं

अमेरिका समेत कई देशों के दबाव के बावजूद इजराइल गाजा में ताबड़तोड़ स्ट्राइक कर रहा है। इजरायली सेना का कहना है कि गाजा को 2 हिस्सों में बांट दिया गया है। इजराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हैगरी ने कहा कि अब वहां 2 गाजा मौजूद हैं। एक है उत्तरी गाजा और दूसरा दक्षिणी गाजा। बता दें कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटएंनी ब्लिंकन नेगाजा और इजराइल की यात्रा करके मानवीय सहायता के लिए युद्ध विराम करने का आग्रह किया था, लेकिन इजराइल का कहना है कि जब तक हमास का पूरी तरह खात्मा नहीं हो जाएगा, वह सीजफायर का ऐलान नहीं करेगा। इजराइल ने कई बार फिलिस्तीनी नागरिकों से उत्तरी गाजा छोड़कर दक्षिणी गाजा में जाने को कहा है, लेकिन मुश्किल यह है कि बहुत सारे लोग शिफ्ट होने को तैयार नहीं हैं।  

लोगों से उत्तरी गाजा छोड़कर जाने की अपील

अमेरिका के अधिकारियों का कहना है कि उत्तरी गाजा में अभी करीब साढ़े 3 लाख लोग रह रहे हैं। गाजा का हाल यह है कि लोगों को नहीं पता कि अगले दिन वे अपने बच्चों का पेट भर भी पाएंगे या नहीं, क्योंकि गाजा का जर्रा-जर्रा धमाकों की आवाज से दहल रहा है और जिंदगी राख के ढेर में दम तोड़ रही है। हम गाजा में नागरिकों के साथ नहीं, बल्कि हमास के साथ युद्ध कर रहे हैं। हम उत्तरी गाजा और गाजा शहर में नागरिकों से अस्थायी रूप से वाडी गाजा के दक्षिण में हमास के इलाकों से दूर सुरक्षित क्षेत्र में जाने की अपील कर रहे हैं। जिस जंग का आगाज हमास ने किया था, अब उस जंग को खत्म इजराइल कर रहा है, वो जंग जिसमें न जाने कितने बेगुनाहों की जान गई, वो जंग जिसने न कितने परिवारों को बर्बाद कर दिया, बच्चों को अनाथ कर दिया।

नेतन्याहू की मौत का तांडव मचाने का ऐलान

बावजूद इन सबके नेतन्याहू ने 4 संकल्प लिए हैं- हमास का खात्मा, टेरर नेटवर्क का अंत, अपने बंधकों की वापसी और जीत। वहीं हमास ने जो कत्लेआम, जो तबाही इजराइल के अंदर मचाई, उसने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गुस्से के मीटर को अप कर दिया है, जिसके बाद नेतन्याहू ने साफ कर दिया कि हमास और उसके सहयोगी मौत का वो तांडव देखेंगे, जिसे उनकी आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी। इजराइल कितनी बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गाजा बॉर्डर से शुरू हुई लड़ाई, अब अलग-अलग क्षेत्रों और शहरों तक फैल रही है। 12 क्षेत्रों में वेस्ट बैंक, हेब्रोन, कल्किलिया, जेनिन, ईस्ट यरुशलम, अबु दिस, अल जाहरा, अल मुग़ारक़ा, अल मगाजी, नबलुस, तल अल जातर, टुबास में युद्ध चल रहा है।

बाइडेन ने ईरान और रूस पर लगाए आरोप

वहीं एक तरफ अमेरिका इजराइल के साथ खड़ा है तो दूसरी तरफ ईरान और लेबनान जैसे देश हमास को समर्थन दे रहे हैं। वहीं ये देश अब अमेरिकी ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। अमेरिकी ठिकानों पर बढ़ते आतंकी हमलों के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ईरान और रूस को निशाना बना रहे हैं। उनका आरोप है कि यह दोनों देश इस्लामिक आतंकी संगठनों को भड़ाकर इजराइल और अमेरिका पर हमले करवा रहे हैं। जो बाइडेन, राष्ट्रपति, अमेरिका, ईरान यूक्रेन में रूस का समर्थन कर रहा है। यह हमास और अन्य आतंकी संगठनों का समर्थन कर रहा है। अमेरिका हमारे साझेदार मध्य पूर्व के देशों का भविष्य बनाने के लिए काम कर रहा है और भारतीय मध्य पूर्व-यूरोप रेल कॉरिडोर जैसी योजनाओं के माध्यम से काम कर रहा है।

रान पर जंग की आग में घी डलाने का आरोप

ईरान के खिलाफ बाइडेन के बयान कि मैंने इस वर्ष दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के शिखर सम्मेलन में इसकी घोषणा की थी, से साफ हो गया है कि ईरान हमास और इजराइल के खिलाफ जंग की आग में घी का काम कर रहा है। वह चाहता है कि इजराइल और अमेरिका के खिलाफ सभी मुस्लिम देशों को एकजुट किया जा सके., ताकी जरूरत पड़ने पर ईरान वह भूमिका निभा सके, जो मीडिल ईस्ट में जंग का नया एपिसेंटर बना दे। ईरान के सुप्रीम लीडर आयतोल्लाह खामनेई ने इजराल और हमास की लड़ाई को मुस्लिमों के खिलाफ जंग का रंग दे दिया है। खामनेई ने साफ कहा है कि अगर इजराइल के हमले बंद नहीं हुए तो मुसलमानों को कोई रोक नहीं पाएगा। खामनेई ने ईरान की जगह मुसलमानों का नाम लेकर इजराइल हमास जंग का दायरा बढ़ा दिया है। यह भी पढ़ें: इजराइल-हमास जंग के बीच भारत क्यों आए अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्री? चीन के मुद्दे पर हुई बात

खामनेई की चाल क्या है वो समझिए...

खामनेई सभी अरब या मुस्लिम देशों को इजराइल के खिलाफ करना चाहते हैं। ईरान की जगह मुसलमानों का नाम लेकर मुस्लिम देशों को एकजुट करने की कोशिश है। अरब देशों से समर्थन जुटाने की अमेरिकी कोशिश को झटका देना चाहते हैं। सारे अरब देश एक साथ आ गए तो इस युद्ध में इजराइल और अमेरिका अलग थलग पड़ जाएगा। ईरान खुलकर सिर्फ धमकी दे रहा है। मुस्लिम देशों के एक साथ आने की बात कर रहा है। दूसरी तरफ इमरान के समर्थन वाले आतंकी संगठन पहले हिजबुल्लाह और अब हूती के अटैक का क्या मतलब निकाला जाए? इजराइल की मंशा साफ है कि वह किसी भी कीमत पर हार मानने को तैयार नहीं। न ही वह किसी भी तरह से सुलह के मूड में है। अमेरिका और यूरोपीय देश लगातार इजराइल पर सीजफायर का दबाव बना रहे हैं, लेकिन नेतन्याहू के माथे पर जूं नहीं रेंग रही, यानि ये जंग अभी और लंबी चलने वाली है, जिसमें दुनिया मौत और विनाश का वो रूप देखेगी, जिसकी कल्पना से ही रूंह कांप जाए।


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